वाराणसी : ठंड और घने कोहरे से जनजीवन ठहरा, शाम ढलते ही सन्नाटा
गंगा घाटों पर भी अलसुबह भीड़ नहीं दिख रही, दिन में भी लोग अलाव ताप रहे
वाराणसी,12 जनवरी । पहाड़ों पर बर्फबारी और पछुआ हवाओं के चलते हाड़कपाउ ठंड और घने कोहरे से धर्म नगरी काशी में जनजीवन ठहर सा गया है। घने कोहरे और धुंध के चलते बाजारों में दोपहर में ही चहल-पहल देखने को मिल रही है।
गुरूवार की सुबह भी मौसम का तेवर सर्द रहा। घने कोहरे और गलन भरी सुबह में सड़कों पर आवागमन अपेक्षाकृत कम रही। जिन्हें अति आवश्यक कार्य से निकलना था, वही लोग सड़कों पर आते-जाते दिखे। पूर्वाह्न 9.30 बजे के बाद भगवान सूर्य ने दर्शन दिया लेकिन गलन और धुंध भारी पड़ रही है। कोहरे के चलते लोगों को 20 मीटर की दूरी भी नहीं दिख रही थी। कोहरे की वजह से दृष्यता 50 मीटर से भी नीचे आ गई है। सुबह दस बजे तक वाराणसी में अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस और आद्रता 85 फीसदी रही। इसके पहले बुधवार शाम को उत्तर पश्चिमी हवायें 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती रहीं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से अभी गलन रहेगी। अगले तीन चार दिनों तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना है। ठंड और कोहरे का असर गंगा घाटों पर भी दिख रहा है। गंगा घाटों पर अलसुबह श्रद्धालुओं की भीड़ भी नहीं दिख रही। सुबहे बनारस का नजारा लेने के लिए गंगा घाटों पर कम लोग ही पहुंच रहे हैं ।