कोरोना संक्रमण ने गंगा घाटों की छिनी रौनक, दशाश्वमेधघाट पर एकल गंगा आरती
सांकेतिक गंगा आरती में गिने चुने लोग रहे मौजूद, परम्परा का हुआ निर्वहन
वाराणसी, 10 जनवरी । वैश्विक महामारी के तीसरी लहर ने काशी में बाजारों और विश्वप्रसिद्ध गंगाघाटों की रौनक छिन ली है। सोमवार को ये नजारा प्रसिद्ध दशाश्वमेधघाट के गंगा सेवा निधि के सायंकालीन गंगा आरती में दिखा। जिलाधिकारी द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार घाट पर निधि के एक अर्चक ने मां गंगा की आरती की। यहीं नजारा गंगोत्री सेवा समिति के गंगा आरती में भी दिखा। चंद गिने चुने लोगों की मौजूदगी में सांकेतिक गंगा आरती कर परम्परा निभाई गई। आमतौर पर घाट पर गंगा आरती कम से कम पांच अर्चक करते हैं। उधर, कोरोना प्रतिबंध पालन कराने के लिए शाम चार बजते-बजते पुलिस घाटों पर पहुंच गई। दशाश्वमेध समेत अन्य घाटों पर पुलिस का पहरा बढ़ने के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घाट खाली करने के लिए निर्देश दिया गया।
बताते चले, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी नई गाइडलाइन के अनुसार वाराणसी में सार्वजनिक पार्क, गंगा व वरुणा नदी के घाट, मैदान, स्टेडियम, धरना स्थल पर शाम चार बजे के बाद जन-सामान्य का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले भर के सभी स्पा, जिम, वाटर पार्क, पर्यटन व पुरातात्विक स्थल, संग्रहालय और स्वीमिंग पुल को बंद करने का आदेश दिया गया है। सरकारी-गैर सरकारी स्कूल 16 जनवरी तक बंद कर दिया गया है।