प्रयागराज: राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस पर सिफरी ने गंगा में मत्स्य बीज छोड़ा

राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस पर सिफरी ने गंगा में मत्स्य बीज छोड़ा

प्रयागराज: राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस पर सिफरी ने गंगा में मत्स्य बीज छोड़ा

प्रयागराज, 10 जुलाई,  केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), प्रयागराज द्वारा आज राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस के अवसर पर रैंचिंग सह जन जागरूकता का आयोजन संगम नोज पर किया गया। इसके साथ ही तीन हजार मत्स्य बीज गंगा में छोड़े गये।

कार्यक्रम में महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने गंगा के साथ-साथ मछली के महत्व पर चर्चा की और लोंगो से गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने को कहा। इस अवसर पर गंगा नदी में विलुप्त हो रहे मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण एवं संवर्धन को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी में तीन हजार भारतीय प्रमुख कार्प-कतला, रोहू, मृगल मछलियों के बीज गंगा नदी में छोड़े गये।



संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डॉ. डी.एन. झा ने उपस्थित लोगों को रैंचिंग और नमामि गंगे परियोजना के बारे में जानकारी दी। जिसके अन्तर्गत पूरे गंगा नदी में कम हो रहे महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजातियों के बीज का रैंचिंग होना बताया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजेश शर्मा संयोजक गंगा विचार मंच तथा प्रतिनिधि नमामि गंगे ने गंगा को स्वच्छ रखने में किये जाने वाले विभिन्न प्रयासों का जानकारी दी तथा गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए लोगों से आह्वान किया।



कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. वेंकटेश ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मत्स्य किसान के भगीदारी से हम अपने उद्देश्यों को पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ मोनिका गुप्ता, जितेन्द्र कुमार, साकेत कुमार, डॉ संदीप कुमार मिश्रा, सुशील कुमार वर्मा, शिवजनम वर्मा, संदीप मिश्रा, जितेन्द्र कुमार, राम सजीवन आदि उपस्थित रहे।