राजस्थान हाईकोर्ट : विधवा नर्सिंग कर्मचारी का स्थानान्तरण 480 किलोमीटर दूर करने के आदेश निरस्त
राजस्थान हाईकोर्ट : विधवा नर्सिंग कर्मचारी का स्थानान्तरण 480 किलोमीटर दूर करने के आदेश निरस्त
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जोधपुर, 1 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने विधवा नर्सिंग कर्मचारी का स्थानान्तरण 480 किलोमीटर दूर करने के आदेश को निरस्त किया है। उच्च न्यायालय के जस्टिस अरूण मोंगा द्वारा एक अहम आदेश पारित करते हुए विधवा महिला नर्सिंग कर्मचारी को राहत दी गई।
याचिकाकर्ता मंजू वर्तमान में चूरू शहर में ए.एन.एम. के पद पर कार्यरत है। याचिकाकर्ता कर्मचारी का स्थानान्तरण निम्बाहेड़ा, जिला चित्तौडगढ़ कर दिया गया जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय की शरण ली। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने पैरवी करते हुए न्यायालय को इस तथ्य से अवगत करवाया कि याचिकाकर्ता एक विधवा है व उसकी एक अविवाहिता पुत्री चूरू में ही बीएड कोर्स में अध्ययनरत है और सरकार की स्थानान्तरण नीति अनुसार एकल महिला का स्थानान्तरण गृह जिले के बाहर नहीं किया जा सकता लेकिन सरकार द्वारा याचिकाकर्ता का स्थानान्तरण लगभग 480 किलोमीटर दूर निम्बाहेड़ा चित्तौडग़ढ कर दिया जो कि न केवल स्थानान्तरण नीति के अपितु सेवा नियमों के भी विरूद्ध है।
याचिकाकर्ता द्वारा इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को अपनी सामाजिक व पारिवारिक स्थिति से भी अवगत करवाया गया लेकिन बावजूद इसके स्थानान्तरण आदेश पारित कर दिया गया। न्यायाधिपति ने याचिका स्वीकार करते हुए स्थानान्तरण आदेश को याचिकाकर्ता की सीमा तक अपास्त करते हुए राज्य सरकार को यह छूट प्रदान की, कि या तो याचिकाकर्ता को उसी स्थान पर पदस्थापित रहने दिया जाएं अथवा उसी जिले में आस-पास पदस्थापित किया जाएं।