ट्रिपल आईटी में रेडियो तरंग एवं वायरलेस अनुसंधान प्रयोगशाला का हुआ उद्घाटन
ट्रिपल आईटी में रेडियो तरंग एवं वायरलेस अनुसंधान प्रयोगशाला का हुआ उद्घाटन
प्रयागराज, 27 अप्रैल । भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग में रेडियो तरंग एवं वायरलेस अनुसंधान प्रयोगशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावाने एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के प्रो. ए.आर हरीश ने किया।
मुख्य अतिथि प्रो. ए.आर हरीश ने बताया कि वह आईआईटी कानपुर में लम्बे समय से इस तरह की प्रयोगशाला में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपने संस्मरणों को साझा करते हुए बताया कि इस प्रयोगशाला का उपयोग करते समय किन सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में किन-किन नये विषयों में अनुसंधान किया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो.सुतावाने ने इस अभूतपूर्व सफलता के लिए शिक्षको की टीम सहित पूरे संस्थान के शिक्षको और छात्रो को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि मुझे भी इस तरह की प्रयोगशाला में लम्बे समय तक कार्य करने का अनुभव है। इसीलिए वह प्रयोगशाला में सहयोग हेतु वह हमेशा उपलब्ध रहेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने ‘एफआईएसटी’ योजना के तहत इस प्रयोगशाला हेतु 1 करोड़ 15 लाख रुपये की धनराशि का अनुदान संस्थान को दिया था। इस प्रयोगशाला के उपकरणों का उपयोग संस्थान के अलावा बाहर के शिक्षक, शोधार्थियों एवं औद्योगिक अनुसंधानकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहेगा। प्रयोगशाला के उपयोग के लिए वेबसाइट पर अपना पंजीकरण करवाना होगा।
संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग की डॉ पूजा मिश्रा के नेतृत्व में डॉ सुनील यादव, डॉ हिमांशु मौर्य, डॉ अमरनाथ एवं प्रो. नीतेश पुरोहित ने इस प्रयोगशाला को स्थापित करने का प्रस्ताव बनाया और फिर डीएसटी द्वारा गठित सक्षम पैनल के समक्ष प्रस्तुतीकरण कर उसे संतुष्ट किया था।
पीआरओ डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि समन्वयक डॉ पूजा मिश्रा के मुताबिक इस प्रयोगशाला की प्रमुख विशेषता अत्याधुनिक 5जी उपकरण जैसे वेक्टर नेटवर्क एनालाजर-40 गीगा हर्टज, स्पेक्ट्रम एनालाइजर-43.5 गीगा हर्टज, अनेकोइक चैम्बर-40 गीगा हर्टज, प्रोटोटाइपिंग यूनिट के साथ ही एचएफएसएस, सीएसटी जैसे सिमुलेशन साफ्टवेयर उपलब्ध हैं। विभागाध्यक्ष डॉ संजय सिंह ने टीम को बधाई दी तथा कहा कि प्रयोगशाला को सुचारु रुप से संचालित करने हेतु विभाग की तरफ से हर संभव सहयोग किया जायेगा। डॉ अमरनाथ यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।