रिहायशी प्लाट से भू-माफिया का अवैध कब्जा हटाने का निर्देश
कोर्ट ने कहा, अवैध कब्जे की जांच कर हो कानूनी कार्रवाई
प्रयागराज, 27 अप्रैल । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंडलायुक्त प्रयागराज व एसडीएम सदर को उमरपुर नीवां गांव के रिहायशी प्लाट संख्या 410 रकबा 290 वर्गमीटर पर विपक्षी द्वारा जबरन बनाये गए सीमेंटेड रोड व लोहे के गेट को 48 घंटे में हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जमीन कब्जाने की जांच कराकर कानूनी कार्रवाई करें।
याचिका में विपक्षी भूमाफिया हसन एखलाक उर्फ रिजवान अहमद व परिवार के खिलाफ गुंडई से याची की जमीन को हथिया लेंने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची का कहना है कि उसने रिहायशी प्लाट खरीदा है। जिस पर विपक्षी हसन ने जबरन कब्जा कर लिया और सड़क बनाकर गांव सभा की जमीन बेच रहा है। याची ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की किंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। दुबारा शिकायत की तो एसडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी गई। जिसमें दो स्वतंत्र गवाहों ने आरोपों की पुष्टि की। रिपोर्ट में कहा कि विवाद सिविल प्रकृति का है। सिविल वाद दायर करें। याची ने फिर आयुक्त से शिकायत की जिस पर राजस्व अधिकारियों, लेखपाल व धूमनगंज थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर व उमरपुर नीवां चौकी इंचार्ज से जांच कराई गई। अपर सिटी मजिस्ट्रेट ने लोगों के बयान लेकर रिपोर्ट दी। कहा याची विवादित प्लाट का स्वामी है।
विपक्षी का कहना था याची की सहमति से सीमेंटेड सड़क बनाई है। जबकि कोर्ट ने कहा ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। विपक्षी ने जबरन कब्जा किया है, जिसे हटाया जाए।