वाराणसी में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने किया कदमताल, बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

वाराणसी में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने किया कदमताल, बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

वाराणसी में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने किया कदमताल, बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

वाराणसी, 07 अप्रैल । 'आजादी के अमृत महोत्सव' कार्यक्रम में गुरुवार को पूरे भारतवर्ष के साथ वाराणसी में भी मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने लगभग एक मिनट कदमताल किया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय के चाणक्य प्रेक्षागृह में स्पेशल ओलंपिक भारत उत्तर प्रदेश ईस्ट के बैनर तले 35 दिव्यांग बच्चों ने इसमें भागीदारी की। कार्यक्रम का शुभांरभ प्रदेश के राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल ने किया। इस दौरान मंत्री ने कहा कि दिव्यांगता के अनेक कारण होते हैं। शादी से पूर्व गुणों का मिलान भी दिव्यांगता निवारण का एक पक्ष है। ज्योतिष, योग एवं मेडिकल साइंस को दिव्यांगता के कारणों पर संयुक्त रूप से शोध करने की आवश्यकता है, जिसका दिव्यांगता निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री 126 वर्षीय योगाचार्य शिवानंद बाबा ने की। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुभकामना को प्रोजेक्टर के माध्यम से स्क्रीन पर दिखाया गया। कार्यक्रम में नाटक, नृत्य, गायन भजन की भी बच्चों के साथ कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, दंत परीक्षण तथा मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया गया। दिव्यांग बच्चों में टीशर्ट, पेंसिल, पेंसिल बॉक्स, बैलून आइसक्रीम, लस्सी, छांछ, बिस्किट, टाफियां, फल व अन्य उपहार भी बांटा गया। आयोजन संस्था के चेयरमैन डॉ उत्तम ओझा ने बताया कि पूरे देश में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड का हिस्सा बनने के प्रयास में कार्यक्रम में 75000 दिव्यांग बच्चों ने भागीदारी की। प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय, प्रो. शांतनु ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। प्रो. टी पी चतुर्वेदी दंत रोग विशेषज्ञ, डॉ मनोज श्रीवास्तव दंत रोग विशेषज्ञ, प्रो. एस एस पांडेय फिजियोथेरेपिस्ट, डॉ धीरज सिंह, डॉ विनय, डॉ व्योम पुरी, डॉ संजय चौरसिया, मनोवैज्ञानिक डॉ मनोज तिवारी, मनोचिकित्सक डॉ तुलसीदास आदि ने बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।