परम्परागत परिधान में रहे गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी, ढोल-नगाड़ों के साथ निकली शोभायात्रा

गोरक्षपीठ की शोभायात्रा ने पेश की सामाजिक समरसता की मिसाल

परम्परागत परिधान में रहे गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी, ढोल-नगाड़ों के साथ निकली शोभायात्रा

गोरखपुर, 15 अक्टूबर । विजयदशमी पर्व पर गोरक्षपीठ की पारंपरिक शोभायात्रा शुक्रवार शाम चार बजे निकली। पारंपरिक परिधान में पीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस शोभायात्रा का नेतृत्व किया। इसकी शुरुआत सुबह श्रीनाथ की पूजा से हुई। शोभायात्रा से पूर्व तिलकोत्सव कार्यक्रम हुआ जिसमें संतों ने पीठाधीश्वर को टीका लगाया। यह शोभायात्रा सामाजिक समरसता की मिसाल पेश करता है।


पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सुबह नौ बजे श्रीनाथ जी का विशिष्ठ किया। इसके साथ ही सभी देवों का पूजन किया। सभी को भोग लगाया गया। पूजा के दौरान मुख्यमंत्री पारंपरिक परिधान में थे। पूजा-अनुष्ठान के बाद हमेशा की तरह सीएम योगी आदित्यनाथ गोशाला पहुंचे, जहां गो सेवा कर गाय का पूजन किए और उन्हें गुड़ व चना खिलाकर दुलार किया।



इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी ने पारण किया। दोपहर बाद तिलकोत्सव का कार्यक्रम हुआ। जिसमें संतों ने पीठाधीश्वर को टीका लगाया। तिलकोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुबह से ही कतार लगी थी। मुख्यमंत्री मंदिर के तिलक हाल में आसन लगाकर बैठे थे। कतारबद्ध लोग बारी-बारी आकर उन्हें तिलक लगा रहे थे। मुख्यमंत्री भी तिलक लगाकर लोगों को आशीर्वाद दे रहे थे। तिलकोत्सव का यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चलता रहा।

इसके उपरान्तर विशेष परिधान में बाहर आए गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के साथ भव्य शोभायात्रा मंदिर परिसर में निकली। पारंपरिक शस्त्रों के साथ नाथ योगियों, पुजारियों व संतों की यात्रा में पूरे शाही तरीके से वेदपाठी किशोर-युवा त्रिशुल-तलवार व अन्य शस्त्रों के साथ इसमें शामिल रहे। शोभायात्रा में बैंड के साथ डमरू, बीन, शंख के साथ कलाकार शानदार तरीके से शौर्य और आध्यात्म का प्रदर्शन करते चल रहे थे।



शोभायात्रा सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में पहुंची। यहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने गर्भगृह में श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन किया। ढोल-नगाड़े के साथ आरती संपन्न हुई। श्रीनाथ पूजा के बाद योगी आदित्यनाथ ने भैरव मंदिर, दुर्गा मंदिर, राम दरबार, अखंड धुनी, हनुमान मंदिर, श्रीकृष्ण दरबार सहित मंदिर परिसर में स्थापित सभी देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन किया।

इसके बाद शोभायात्रा भीम सरोवर के पास पहुंची। वहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने सरोवर पर पूजन किया। फिर उन्होंने मछलियों को चारा डाला। इसके बाद वह ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवैद्यनाथ की समाधि पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। फिर रथ पर सवार होकर पीठाधीश्वर ने भव्य शोभा यात्रा की अगुआई की। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना करेंगे।

इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। रामलीला मैदान में अपने संबोधन से गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे। फिर शोभायात्रा वापस गोरखनाथ मंदिर लौटेगी, जहां सहभोज का कार्यक्रम होगा।