ड्यूटी से गायब रहने वाले सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी पर रोक

ड्यूटी से गायब रहने वाले सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी पर रोक

ड्यूटी से गायब रहने वाले सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी पर रोक

प्रयागराज, 17 नवम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोपी सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है तथा केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में जवाब-तलब किया है।

कोर्ट ने शर्त रखी है कि यदि आरोपी जवान 10 दिन के अंदर अपनी ड्यूटी पर हाजिर हो जाता है तो उसे गिरफ्तार न किया जाए। हाजिर नहीं होने पर अंतरिम आदेश समाप्त माना जाएगा।

गोरखपुर निवासी सीआरपीएफ जवान कैलाश नाथ उपाध्याय की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सौरभ विद्यार्थी की खंडपीठ ने दिया है। याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि याची 65वीं बटालियन सीआरपीएफ रायपुर छत्तीसगढ़ में तैनात है। 19 जून 21 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-कमांडेंट सीआरपीएफ ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर एसएसपी गोरखपुर को निर्देश दिया है कि याची को गिरफ्तार कर उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

केंद्र सरकार की ओर से अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि प्रकरण छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले का है। घटनाक्रम वहीं पर उत्पन्न हुआ है। इसलिए इस न्यायालय को क्षेत्राधिकार नहीं है। इसका विरोध करते हुए याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची मूल रूप से गोरखपुर जिले का रहने वाला है। वह 15 दिन की छुट्टी स्वीकृत करा कर अपने घर आया था। छुट्टी के दौरान वह गम्भीर रूप से बीमार हो गया। उसने सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराया। जिसकी सूचना उसने रजिस्टर्ड डाक से सक्षम प्राधिकारी को भेजी थी।

मगर याची को बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स एक्ट के सेक्शन 10 एम के तहत उस पर कार्रवाई की गई है। अधिवक्ता का कहना था कि याची का अपराध मामूली है और मात्र 1 वर्ष की सजा से दंडनीय है। कोर्ट ने याची की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा है कि यदि याची 10 दिन के भीतर ड्यूटी पर उपस्थित हो जाता है तो उसे गिरफ्तार न किया जाए तथा केंद्र व राज्य सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।