हाईकोर्ट ने कोरोना मृतक आश्रितों को नौकरी देने में पद आरक्षित करने पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने कोरोना मृतक आश्रितों को नौकरी देने में पद आरक्षित करने पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने कोरोना मृतक आश्रितों को नौकरी देने में पद आरक्षित करने पर मांगा जवाब

प्रयागराज, 17 नवम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देने में पद आरक्षित करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

इस मामले में राज्य सरकार द्वारा 25 जुलाई 2021 को जारी शासनादेश के क्लॉज 13 को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कहा गया है कि शासनादेश का क्लॉज 13 संविधान के समानता के अधिकार के विपरीत है। इसलिए इसे असंवैधानिक (अल्ट्रा वायरस) घोषित किया जाए।

याचिका पर न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की पीठ सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि 25 जुलाई को जारी शासनादेश के क्लाज 13 में कहा गया है कि यदि मृतक कर्मचारी सामान्य वर्ग का है तो रिक्त पद पर सामान्य वर्ग के मृतक आश्रित की ही नियुक्ति की जाएगी। अधिवक्ता का कहना था कि यह एक प्रकार से किसी वर्ग के लिए पद आरक्षित करना हुआ। जो कि संविधान में प्रदत्त समानता के अधिकार का हनन करता है।

कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार को 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कहा है कि शासनादेश के अनुपालन में यदि ग्राम पंचायत सेमरी में यदि कोई नियुक्ति की जाती है तो वह इस याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी।