प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून की बैठक में सभी पीएजीडी सदस्य होंगे शामिल

गुपकार ग्रुप की बैठक में फैसला, जम्मू-कश्मीर पर अपनी बात रखेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून की बैठक में सभी पीएजीडी सदस्य होंगे शामिल
श्रीनगर, 22 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून को होने वाली जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की अहम बैठक से पहले मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला के घर पर गुपकार ग्रुप की बैठक हुई। बैठक के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि बैठक में आमंत्रित पीएजीडी के सभी सदस्य शामिल होंगे।
 
मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला ने अपने आवास पर पीएजीडी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि पीपल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) अपना एजेंडा प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में रखेगा। उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है और आप सभी जानते हैं कि हमारा रुख क्या है। चूंकि नई दिल्ली ने नेताओं को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया है इसलिए हमने तय किया है कि आमंत्रित किए गए सभी लोग बैठक में शामिल होंगे और जम्मू-कश्मीर पर अपनी बात रखेंगे।
 
पीएजीडी के मुख्य प्रवक्ता और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान सितारे नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि हम कुछ ऐसा खोजेंगे कि जो हमारा है और हमारा रहे। उन्होंने कहा कि वे बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे और उनकी आकांक्षाओं को सामने रखेंगे। तारिगामी ने कहा कि भारतीय संविधान के भीतर जो कुछ भी संभव है, हम उसे तलाशने जा रहे हैं।
 
इस दौरान पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पहले एक सुझाव था कि 24 जून की बैठक में केवल डॉ. फारूक ही पीएजीडी का प्रतिनिधित्व करेंगे लेकिन अब आम सहमति बनी है कि आमंत्रित किये गए सभी लोग बैठक में शामिल होने जाएंगे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम बातचीत के खिलाफ नहीं हैं। मेरे दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद ने हमेशा मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत की वकालत की है। मेरा मानना है कि नई दिल्ली को बातचीत का माहौल बनाने के लिए सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब हम राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग करेंगे क्योंकि जेलों में कई राजनीतिक बंदी बीमार हैं। हम भारतीय जेलों से कैदियों को जम्मू-कश्मीर की जेलों में तत्काल स्थानांतरित करने की भी मांग करेंगे।
 
पीएजीडी के सदस्य मुजफ्फर शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 5 अगस्त 2019 को नई दिल्ली सरकार ने जम्मू-कश्मीर के जिन अधिकारों को समाप्त किया है, उसकी पुनर्बहाली पर जोर दिया जाएगा। पीएजीडी जम्मू और कश्मीर में छह मुख्यधाराओं की पार्टियों का एक समूह है, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) शामिल हैं। इसका गठन 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को दो संघों में विभाजित करने के फैसले के बाद किया गया था। 
     
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ प्रधानमंत्री की 24 जून की बैठक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल का हिस्सा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आठ राजनीतिक दलों- नेकां, पीडीपी, भाजपा, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी, माकपा, पीपुल्स कांफ्रेंस और पैंथर्स पार्टी के नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया है। राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री आवास पर गुरुवार दोपहर तीन बजे बैठक होगी। 
आमंत्रित लोगों में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।