सर्व समाज का प्रतिनिधत्व करता दिखेगा योगी मंत्रिमण्डल
2024 के लोकसभा चुनाव को केन्द्र में रखकर पिछड़े-दलित चेहरे होंगे शामिल
लखनऊ, 22 मार्च । देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने 2022 के विधानसभा चुनाव में इतिहास रच दिया है। प्रचण्ड जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अभी से ही 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से बड़ा जनादेश हासिल करने के उद्देश्य से काम करना शुरू कर दिया है। जिस प्रकार से पिछड़ा और दलित समेत सर्व समाज का भाजपा को इस चुनाव में साथ मिला है, उसी प्रकार योगी मंत्रिमण्डल-2 में इस समाज के चेहरे संतुलन बनाते दिखाई देंगे। भाजपा ने दलितों और पिछड़ों के साथ महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार की है।
उत्तर प्रदेश की जनता ने लगातार चौथी बार (2014, 2017, 2019 और 2022) भाजपा को प्रचंड जनादेश दिया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग का मतदाता भाजपा के साथ जुड़ा, वह अब भी भाजपा के साथ है। उसे जोड़े रखने के लिए भाजपा सरकार तो काम करेगी ही, उससे पहले योगी मंत्रिमण्डल में स्थान देकर संदेश भी दिया जाएगा। पिछड़े समाज के स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी जैसे नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़कर साइकिल की सवारी की। बावजूद इसके मतदाता टूट कर नहीं गये। उन्होंने अपने वोटों से भाजपा की झोली भर दी। अकेले भाजपा को 255 और गठबंधन को मिलाकर 273 सीटें मिली हैं।
माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर जैसे नेता आज भी भाजपा के पास और गठबंधन के साथी संजय निषाद हों या अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल भाजपा के साथ हैं। यही वजह है कि भाजपा पिछड़ा समाज के बीच संदेश देने में सफल रही। अब योगी मंत्रिमण्डल में केशव प्रसाद मौर्य का उपमुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। पिछड़ा समाज के पटेल बिरादरी से भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आते हैं। बताया जा रहा है कि यह भी योगी मंत्रिमण्डल में शामिल होंगे। स्वतंत्र के करीबियों को कहना है कि उनका जोर उपमुख्यमंत्री बनने पर है। ऐसे में केशव और स्वतंत्र देव सिंह में से एक ही चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
योगी सरकार-01 के दूसरे बड़े चेहरा डॉ. दिनेश शर्मा रहे हैं। इनके बारे में चर्चा है कि उपमुख्यमंत्री बने रहने के प्रबल समीकरण दिख रहे हैं। यदि उन्हें योगी सरकार-2 में जगह नहीं मिली तो उप्र भाजपा के अध्यक्ष बनाए जाएंगे। उत्तराखण्ड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य का नाम उपमुख्यमंत्री या विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। मौर्य दलित समाज से आती हैं। भाजपा के पास एमएलसी विद्यासागर सोनकर और लक्ष्मण आचार्य, जैसे कई दलित चेहरे हैं। दलित समाज से ही पूर्व आइपीएस असीम अरुण कन्नौज से और हाथरस से अंजुला माहौर ने चुनाव जीता है। इन्हें भी मौका मिल सकता है। मथुरा से दोबारा बड़ी जीत के साथ विधानसभा पहुंचे श्रीकांत शर्मा और प्रयागराज पश्चिम से सिद्धार्थनाथ सिंह का एक बार फिर मंत्री बनना तय है।
इसी प्रकार अल्पसंख्यक समाज के दो चेहरे हैं। सरदार बलदेव सिंह औलख और मोहसिन रजा। मोहसिन रजा के एक बार फिर मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। मोहसिन ने योगी सरकार-01 में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री थे। अनुच्छेद 370, सीएए, तीन तलाक, राम मंदिर जैसे गंभीर मुद्दों पर वह मजबूती से राष्ट्रीय मीडिया में भाजपा का पक्ष रखते रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक संठन और सरकार के स्तर पर योगी मंत्रिमण्डल में शामिल होने वाले चेहरों पर सहमति बन गयी है। इसी माह की 24 तारीख को लोकभवन में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। उसके दूसरे दिन 25 मार्च को अटल बिहारी बाजपेयी इकाना स्टेडियम में योगी सरकार-02 का भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा जैसे राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे। तो वहीं पार्टी से जुड़े प्रदेश भर से जमीनी कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रित किया गया है। योगी मंत्रिमण्डल के शपथ लेने से पहले प्रदेश भर में भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश के विकास और लोक कल्याण के लिए मठ मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे।