महाकुम्भ में यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज बार्क की मदद से करेगा 3 अस्थायी एसटीपी का निर्माण  

मेला क्षेत्र का सारा गंदा पानी इन अस्थायी एसटीपी से होगा ट्रीट

महाकुम्भ में यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज बार्क की मदद से करेगा 3 अस्थायी एसटीपी का निर्माण  

प्रयागराज, 15 नवम्बर । सीएम योगी के स्वच्छ एवं स्वस्थ महाकुम्भ के ध्येय को सफल बनाने की दिशा में यूपी जल निगम नगरीय महाकुम्भ के लिए 3 अस्थायी एसटीपी का निर्माण कर रहा है। ये एसटीपी जल निगम राष्ट्रीय संस्था बार्क की मदद से लगभग 3.60 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे हैं। ये तीनों एसटीपी महाकुम्भ क्षेत्र के सारे वेस्ट और नाले के पानी का निस्तारण करेंगे। ये एसटीपी बार्क की एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी पर आधारित हैं जो स्वच्छ महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करेगा।

-एचजीएसबीआर टेक्नाेलॉजी आधारित एसटीपी

यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज पूरे महाकुम्भ में पानी की सप्लाई के साथ साथ अस्थाई शौचालयों की सफाई व गंदे नालों के पानी के ट्रीटमेंट का कार्य भी कर रहा है। यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आशुतोष यादव ने बताया कि जल निगम, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, बार्क की मदद से महाकुम्भ में 3 अस्थायी एसटीपी बना रहा है। ये तीनों एसटीपी महाकुम्भ के दौरान करोड़ों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के वेस्ट और गंदे नालों के पानी को ट्रीट करेंगे। ये अस्थायी एसटीपी बार्क की एचजीएसबीआर टेक्नालॉजी से काम करेंगे। एचजीएसबीआर, बार्क की हाइब्रिड ग्रैन्युलर एसबीआर ट्रीटमेंट तकनीक है जो विशेष तौर पर घरेलू और आद्योगिक वेस्ट वॉटर को ट्रीट करती है।

-क्या है एचजीएसबीआर टेक्नोलॉजी?

एचजीएसबीआर टेक्नाेलॉजी आधारित एसटीपी आसानी से वेस्ट वॉटर को ट्रीट कर उसके बीओडी, सीओडी लेवल को 30 से कम के स्तर पर ले आते हैं। जिसके बाद ये ट्रीटेड पानी सिंचाई, धुलाई आदि के अन्य कार्यों में या नदी में डाला जा सकता है। साथ ही ये तकनीक वेस्ट वॉटर का जैविक उपचार भी करती है जिससे गंदे पानी में पनपने वाले वायरस और बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। महाकुम्भ में पहली बार इस उन्नत तकनीक के एसटीपी प्लांट लगाए जा रहे हैं।

-सेक्टर 9, 13 और 15 में लगाए जाएंगे अस्थायी एसटीपी

जल निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आशुतोष यादव ने बताया कि लगभग 3.60 करोड़ रूपये की लागत से इन 3 अस्थायी एसटीपी प्लांट का निर्माण हो रहा है। ये एसटीपी मेला क्षेत्र के सेक्टर 9, 13 और 15 में लगाये जायेंगे, जो पूरे मेला क्षेत्र के शौचालयों और नालों के पानी को 500 केएलडी की क्षमता से ट्रीट करेगा। जिस कारण महाकुम्भ के गंदे पानी के ट्रीटमेंट का अतिरिक्त दबाव शहर के अन्य एसटीपी पर नहीं पड़ेगा। मेला समाप्त होने के बाद ये एसटीपी प्रयागराज के स्थायी नालों से सम्बद्ध कर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि ये तीनों एसटीपी 15 दिसम्बर तक मेला क्षेत्र में स्थापित होकर, कार्य करना प्रारम्भ कर देंगे। सीएम योगी के स्वच्छ और स्वस्थ महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करने में ये एसटीपी महत्वपूर्ण साबित होंगे।