विद्या भारती के विद्यालयों में 'मेजर ध्यानचन्द जयन्ती' पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन
विद्या भारती के विद्यालयों में 'मेजर ध्यानचन्द जयन्ती' पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन
प्रयागराज, 28 अगस्त । मेजर ध्यानचन्द जयन्ती की पूर्व संध्या पर विद्या भारती से सम्बद्ध विद्यालयों में शनिवार को खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथियों ने मेजर ध्यानचन्द के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज गंगापुरी रसूलाबाद में मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय स्टेडियम प्रयागराज के एथलेटिक कोच सत्येन्द्र सिंह एवं विद्यालय के व्यवस्था प्रमुख आचार्य संजीव चतुर्वेदी व शारीरिक प्रमुख विनोद कुमार यादव एवं शिवकुमार सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीपार्चन एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि ध्यानचन्द को फुटबाल में पेले और क्रिकेट में ब्रैडमैन के समतुल्य माना जाता है। गेंद इस कदर उनकी स्टिक से चिपकी रहती कि प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को अक्सर आशंका होती किवह जादुई स्टिक से खेल रहे हैं। मेजर ध्यानचन्द को तेजी से गोल करने और तीन बार ओलम्पिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए जाना जाता है। प्रतियोगिता में विद्यालय में कबड्डी एवं खो-खो खेल का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में अभिषेक, दिव्यांशु, मोहित, विवेक, शिवकुमार यादव, नितिन, सालिम, यश मिश्र आदि ने प्रतिभाग किया। आभार ज्ञापन विद्यालय के खेलकूद प्रमुख आचार्य विनोद कुमार यादव तथा कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य सरोज सिंह ने किया।
इसी प्रकार ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित विद्या भारती के सहमंत्री चिन्तामणि सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में एकबाल नारायण ने मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा पर दीपार्चन व पुष्पार्चन करते हुये उन्हें नमन किया। विद्यालय में शारीरिक के आचार्य विजय मौर्य ने मेजर ध्यानचन्द के जीवन पर वृहद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन सम्पूर्ण राष्ट्र खेल दिवस के रूप में मनाता हैं। उनके द्वारा खेल जगत में उस काल खण्ड में जो कीर्तिमान स्थापित किये गये वो हम सब को गौरवान्वित करते है। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद की जयन्ती मनाने का वास्तविक अर्थ की सिद्धि तभी होगी जब हम उनके गुणों को अपने अन्दर समाहित करें तथा अपने राष्ट्र का नाम खेल जगत में उन्नति के शिखर पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में मेजर ध्यानचन्द के योगदानों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इस वर्ष सराहनीय पहल करते हुए खेल के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार उनके नाम पर कर दिया है।
इस अवसर पर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता तीन वर्गों बाल वर्ग, किशोर वर्ग एवं तरुण वर्ग के मध्य आयोजित की गई थी। समस्त प्रतियोगिताएं शारीरिक आचार्य विजय मौर्य, अजीत सिंह के देखरेख में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार सहित दीपक यादव, पवन दीक्षित, सरोज दुबे, सन्दीप गुप्ता, अरिमर्दन सिंह, दिनेश तिवारी, विनोद मिश्र सहित विद्यालय के समस्त आचार्य बन्धु उपस्थित रहे।