वाराणसी: नीट की परीक्षा में सॉल्वर बैठाकर पास कराने वाले गिरोह की मां—बेटी गिरफ्तार

नीट की परीक्षा में सॉल्वर बैठाकर पास कराने वाले गिरोह की मां—बेटी गिरफ्तार

वाराणसी: नीट की परीक्षा में सॉल्वर बैठाकर पास कराने वाले गिरोह की मां—बेटी गिरफ्तार

वाराणसी,13 सितम्बर । राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) में सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने वाले गिरोह की मां-बेटी को वाराणसी क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार पटना बिहार निवासी युवती जूली कुमारी बीएचयू बीडीएस दूसरे वर्ष की छात्रा है। युवती नीट यूजी परीक्षा में रूपये लेकर दूसरे अभ्यर्थी हिना विश्वास की जगह सोना तालाब पंचक्रोशी रोड वाराणसी स्थित सेंट जेवियर स्कूल में परीक्षा दे रही थी। युवती को पुलिस ने यहीं से गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना और मास्टर माइंड बिहार का पीके है। गिरोह में डाक्टर भी शामिल है।

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने सोमवार को बताया कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। उन्होंने बताया कि क्राइम ब्रांच निरीक्षक अंजनी पांडेय अपने टीम के साथ रविवार को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें सटीक सूचना मिली की मेडिकल की नीट परीक्षा सोना तालाब स्थित स्कूल में चल रही है। इसमें एक युवती दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रही है। युवती साल्वर गैंग की है।

क्राइम प्रभारी ने सारनाथ पुलिस को सूचना साझा की और दोनों पुलिस अफसर महिला पुलिस कर्मी और फोर्स के साथ वहां पहुंचे। पुलिस अफसरों ने परीक्षा केन्द्र के प्रभारी को पूरे मामले की जानकारी दी और अभ्यर्थी युवती का डिटेल मंगाया। परीक्षा में किसी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए जरूरी सावधानी बरतते हुए पुलिस अफसरों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद युवती को पकड़ लिया। परीक्षा केन्द्र से ही पुलिस ने युवती की मां बबिता को भी गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान भीड़ का लाभ उठाकर युवती का सहयोगी और गिरोह का सदस्य विकास महतो मौके से भाग निकला। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरफ्तार युवती ने पूछताछ में बताया कि फरार साथी विकास पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। उसकी मेरे बेटे से दोस्ती है। जूली ने बताया कि वह दो साल पहले नीट पास कर बीएचयू से बीडीएस कर रही है।

जूली की प्रतिभा को देख सॉल्वर गैंग ने घर आकर हम लोगों को लालच दिया कि दूसरी लड़की की जगह परीक्षा देनी हैं, पांच लाख रूपये मिलेंगे। कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी तो सेंटर से बाहर निकलते ही 5 लाख रुपए तुरन्त दिए जाएंगे। 50 हजार रूपये एडवांस भी दे दिया। बबिता और जूली पैसे के लालच में आ गई और दूसरी कैंडिडेट की जगह परीक्षा में बैठने के लिए राजी हो गईं। परीक्षा समाप्त होते ही पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया।

बताते चलें कि, मूल अभ्यर्थी के चेहरे से जूली का चेहरा मिलता-जुलता भी दिखा। दोनों की फोटो गिरोह ने फोटोशॉप की मदद से ऐसे तैयार की कोई भी देख कर जूली और मूल अभ्यर्थी में अंतर समझा न पाये। जूली को मूल अभ्यर्थी के दस्तखत का अभ्यास भी कराया गया। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज की 2019 बैच की छात्रा जूली ने सेमेस्टर परीक्षा में भी टॉप किया है।