प्रयागराज: फर्जी भर्ती कराने वाले गिरोह का मुख्य सहयोगी लिपिक गिरफ्तार
फर्जी भर्ती कराने वाले गिरोह का मुख्य सहयोगी लिपिक गिरफ्तार
प्रयागराज, 18 सितम्बर । एसटीएफ की लखनऊ टीम ने फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति एवं साल्वर गैंग और टीजीटी,पीजीटी एवं टीईटी में भर्ती कराने वाले गिरोह का सहयोग करने वाले लिपिक को प्रयागराज रोडवेज बस स्टैण्ड के समीप से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लिपिक परिक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के कार्यालय में कार्यरत है। इस सम्बन्ध में लखनऊ के विभूतिखण्ड थाने में विभिन्न धाराओं में मुक्ता दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि गिरफ्तार किया गया। लिपिक प्रयागराज जिले के नैनी थाना क्षेत्र के चक देवरा का कनैला गांव निवासी नरेन्द्र कनौजिया पुत्र केवला प्रसाद है। टीम ने उसके पास से एक मोबाइल फोन एवं 210 रूपया बरामद किया है।
प्रदेश में विगत कई वर्षो से प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित तरीके अपना कर फर्जी अभ्यार्थियों की नियुक्ति किये जाने के सम्बन्ध में कई गैंग सक्रिय होने की सूचना प्राप्त होने पर सक्रिय गैंगों का समय-समय पर भण्डाफोड़ किया जाता रहा है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेते निर्देशित किया गया था। अभियान के तहत पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ल अपनी टीम के साथ सक्रिय थे।
गौरतलब है कि 17 सितम्बर को एसटीएफ ने फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुकित, साल्वर गैंग, परीक्षा केन्द्र का मैनेजमेण्ट और प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने वाली कम्पनी से सांठ-गांठ कर टीजीटी,पीजीटी और टीईटी के माध्यम से भर्ती कराने वाले गिरोह का सरगना एवं दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जिसमें सरगना स्वंय भी जूनियर हाईस्केल में फर्जी शिक्षक रह चुका है। उसका एक साथी प्राईमरी शिक्षक के रूप में कार्य कर रहा था। अभियुक्तों से हुई पूंछतांछ के दौरान जानकारी मिली कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मिली भगत से यह गोरखधन्धा चल रहा था, इसका प्रमाण भी मिला है। यह भी जानकारी मिली कि पकड़ा गया अभियुक्त उक्त कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नौकरी करता है। शिकोहाबाद का रहने वाला राम निवास फर्जी टीचर भर्ती कराने का कार्य करता है। भर्ती कराने के लिए राम निवास उसे 50 हजार रूपये प्रति अभ्यार्थी के हिसाब से पैसा उसके खाते में या नगद देता था। पकड़े गए लिपिक के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखण्ड थाने में अभियोग पंजीकृत करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।