बढ़ रहा है अरब सागर का जलस्तर

मुंबई में समुद्र किनारे बसी कॉलोनियों के पानी में समा जाने का खतरा

बढ़ रहा है अरब सागर का जलस्तर
मुंबई, 30 जून । पर्यावरण असंतुलन के कारण समुद्र, नदियों और प्राकृतिक संसाधनों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अरब सागर का जलस्तर बढ़ रहा है। मुंबई महानगर क्षेत्र की 107.6 वर्ग किलोमीटर की जमीन समुद्र के दायरे में आ गई है। समुद्र का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो तटीय क्षेत्र में बसी कॉलोनियों के लिए खतरा निर्माण हो सकता है। 
 
सैटेलाइट के जरिए किए गए अध्ययन में पाया गया है कि मुंबई महानगर के तटीय क्षेत्र में अरब सागर के पानी का स्तर बढ़ रहा है। इससे समुद्र किनारे बसी रिहायशी कॉलोनियों पर पानी में समा जाने का खतरा मंडरा रहा है। विशेषकर बारिश के दिनों में यह संकट और गहरा सकता है। बीते 30 वर्षों में समुद्र के जलस्तर में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। समुद्र के जलस्तर में वृद्धि वर्ष 2030 तक होने की संभावना विभिन्न विशेषज्ञों ने जताई है। कोकण क्षेत्र में भी समुद्र का जलस्तर बढ़ा हुआ पाया गया है।
 
सृष्टि कंजर्वेशन फाउंडेशन नामक सामाजिक संगठन द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार तटीय क्षेत्र में होने वाले बदलाव के कारण लुप्त हुई जमीन का क्षेत्र संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से थोड़ा ज्यादा है। इसका रूपांतर दलदल और मैंग्रोव वन क्षेत्र के रूप में हो गया है। खारी क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा है। मुंबई ठाणे खाड़ी की जमीन पर अनुमानित 45 वर्ग किलोमीटर नदी-नाले का क्षेत्र खारी अथवा दलदल के रूप में तब्दील हो गया है। ठाणे इलाके की खाड़ी में 24 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कचरे से भरा दलदलीय हो गया है‌। 
फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. दीपक आपटे के मुताबिक यह लक्षण महानगर के लिए अच्छे नहीं हैं। इसके कारण मुंबई में बारिश के समय होनेवाले जलजमाव की निकासी में नालों की क्षमता में कमी आ सकती है। इस अध्ययन से संज्ञान में आया है कि भारी बारिश और समुद्र में हाईटाइड होने पर समुद्र का पानी शहर में फैल जाता है।