बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण शिविर का समापन
हम निरंतर हिन्दू धर्म व संस्कृति के संवर्धन संरक्षण की ओर बढ़ रहे : नीरज
प्रयागराज, 28 मई (हि.स.)। बजरंग दल गुलामी के प्रतीक चिन्हों को समाप्त करते हुए आने वाले भविष्य की स्वर्णिम गाथा लिख रहा है। हम निरंतर हिंदू धर्म संस्कृति के संवर्धन संरक्षण की ओर बढ़ रहे हैं। समाज में सामाजिक समरसता के भाव से धर्मांतरण पर भी रोक लगाई जा रही है। बजरंग दल का निर्माण रामजानकी यात्रा की सुरक्षा करने के लिए हुआ था। सैकड़ों वर्ष के कलंक के ढांचे को बजरंग दल ने नष्ट किया था। अब किसी ने पत्थर फेंकने की हिमाकत की तो जवाब मिलेगा। पत्थर से अब हमने तय किया है कि हिंदू समाज की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले को समाप्त करेंगे।
यह बातें बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में नैनी स्थित माधव ज्ञान केन्द्र में राष्ट्रीय संयोजक नीरज ने विभिन्न जिलों से आए हुए कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 1984 की स्थापना के बाद बजरंग दल की शक्ति आज इतनी है हिंदू मान बिंदुओं पर कुठाराघात करने से पहले बजरंग दल के नाम पर 100 बार सोचते हैं। हजारों मंदिरों को छोड़कर हिंदू समाज ने तीन मंदिर काशी, मथुरा, अयोध्या को मांगा था। मथुरा और काशी मुक्त होने का समय आ गया है। हिंदू धर्म विरोधियों को बजरंग दल चेतावनी देता है कि रहना है तो इस राष्ट्र की अस्मिता से खिलवाड़ करने का दुस्साहस बंद करो। इस राष्ट्र के विधान के हिसाब से चलो नहीं तो परिणाम गंभीर होंगे। अब न धर्मांतरण होगा न गौ माता की हत्या होगी। यह संकल्प हमारा है। नए संसद का निर्माण भी बताता है कि गुलामी के प्रतीक समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा 2024 तक बजरंग दल अजेय शक्ति खड़ा करेगा। जो धर्म विरोधी राष्ट्र विरोधी शक्तियों को सबक सिखा सकें। ऐसे प्रशिक्षण हिंदू धर्म संस्कृति के संवर्धन एवं संरक्षण में सहायक होंगे ऐसा विश्वास है।
इस अवसर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सात दिन में सीखे हुए सभी प्रकार के प्रशिक्षण का प्रदर्शन अतिथियों के समक्ष किया। इसके उपरांत प्रांत संयोजक सत्य प्रताप ने सभी अतिथियों का व्यवस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं का परिचय कराया।
कार्यक्रम में फलाहारी आश्रम के महंत स्वामी रामरतन दास, सुदामा कुटी के महंत लाल बाबा, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, सह संयोजक आनंद, विमल प्रकाश, सुरेश अग्रवाल, सत्य प्रकाश मिश्रा बबलू, अभिमन्यु शाही, अभिषेक पाठक, डॉ चंद्र निधान, रवि तिवारी, गुलाब प्रसाद मिश्र, श्याम चंद्र, अमित पाठक, ज्ञानेश्वर शुक्ला आदि उपस्थित रहे।