लोकसभा में पांच सत्रों के दौरान 107 विधेयक हुए पारितः ओम बिड़ला

17वीं लोकसभा में पांच सत्रों के दौरान 122 प्रतिशत हुये कामकाज

लोकसभा में पांच सत्रों के दौरान 107 विधेयक हुए पारितः ओम बिड़ला

नई दिल्ली, 18 जून । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा के दौरान पांच सत्रों में सदन में कुल 122 प्रतिशत कामकाज हुये। साथ ही इस दौरान 107 विधेयक पारित किये गये। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद लोकसभा ने अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाया और राष्ट्रहित में आवश्यक कानून बनाने का काम किया है।

बिड़ला ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कानून बनाना लोकसभा की प्राथमिकता है। 17वीं लोकसभा के पांच सत्रों के दौरान सदन ने 107 विधेयक पारित किए और 102 विधेयक प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि विधेयकों पर चर्चा में विशेष रूप से 1,764 सदस्यों ने भाग लिया और महत्वपूर्ण कानून बनाने में भूमिका निभाई।

इसी संदर्भ में आगे उन्होंने कहा कि बिजनेस एडवायजरी कमेटी में विधेयकों पर चर्चा के लिए जितना समय तय हुआ, उससे अधिक समय तक चर्चा की गई और सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान अधिकतम प्रश्न सदन के पटल पर आए और 5.37 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब दिए गए। जबकि पहले यह चार प्रतिशत ही रहा था। 

बिड़ला ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि आने वाले सत्रों में ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को सदन के पटल पर रखा जाए और संबंधित मंत्रालय के मंत्री उसका सदन में जवाब दें।

लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि नियम 377 के अधीन सांसद अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाते हैं। पहले सदस्यों द्वारा इस नियम के तहत उठाई गई समस्याओं पर सरकार की ओर से 60 से 65 प्रतिशत ही जवाब दिए जाते थे। किंतु, अब 90 प्रतिशत मामलों में संबंधित मंत्री जवाब देते हैं।

इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका इस बात पर जोर रहा है कि सभी सदस्यों को शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखने का अवसर मिले। साथ ही नए सदस्यों को अपनी क्षमता का निर्माण करने के लिए लोकसभा सचिवालय में 24 घंटे रिसर्च की व्यवस्था की गई है, जिससे सदस्यों को ऑनलाइन किसी भी विषय पर आवश्यक सामग्री मिलने में सुविधा हुई है।

बिड़ला ने कहा कि संसद में जो चर्चा और संवाद होता है और उससे जो निष्कर्ष निकलते हैं, वह देश के कल्याण में लगता है। इन दो वर्षों के कार्यकाल में उनकी कोशिश रही है कि सार्थक चर्चा और संवाद हो। सदस्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यही कारण रहा कि पांच सत्रों में सदन का कामकाज 122 प्रतिशत रहा।

उन्होंने कहा कि पिछले बजट सत्र से ही हम कोरोना महामारी से मुकाबला कर रहे हैं। बावजूद इसके लोकसभा ने अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाया और राष्ट्रहित में आवश्यक कानून बनाने का काम किया।