वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील के रंगीन शर्ट में आने पर कोर्ट ने कहा, हल्के में न ले वकील - हाईकोर्ट

बार एसोसिएशन सदस्यों को दे कोर्ट कार्यवाही में अवरोध न पैदा करने की सलाह

वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील के रंगीन शर्ट में आने पर कोर्ट ने कहा, हल्के में न ले वकील - हाईकोर्ट

प्रयागराज, 01 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान कतिपय वकीलों के पहनावे व व्यवहार को अनुचित व अस्वीकार्य करार दिया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा है कि वह सदस्यों से कोर्ट कार्यवाही में उचित स्वीकृत पहनावा पहनने और शांतिपूर्ण वातावरण में अपना पक्ष रखने की सलाह दे। वकीलों का कैजुअल रवैया न्याय प्रशासन में अवरोध उत्पन्न कर रहा है। जैसे खुली अदालत मे बहस की जाती है, वैसे ही वर्चुअल सुनवाई में भी कोर्ट का हिस्सा समझकर बहस की जाय।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी ने ज्योति की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। अर्जी की सुनवाई वर्चुअल तरीके से हुई। याची अधिवक्ता से सम्पर्क नहीं हो सका। शिकायतकर्ता के वकील रंगीन शर्ट पहनकर बहस करने आये। अर्जी की सुनवाई 28 जुलाई के लिए टाल दी गयी है।

कोर्ट ने कहा पिछले डेढ साल से कोरोना संक्रमण के चलते दिक्कत बढ़ी है। लोगों को मास्क पहनना, दूरी बनाये रखना, वैक्सीन लगवाना और अलग तरीके से जीवन शैली अपनानी पड़ रही है।

हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई के जरिये न्याय देने का तरीका अपनाया है। वकीलों को कोट, गाउन न पहनने की छूट दी गयी है। सफेद शर्ट पैंट, सफेद कमीज, सलवार, साड़ी, गले में बैंड पहनकर घर, आफिस या चेम्बर से बहस करने की छूट दी गयी है। किन्तु देखने में आ रहा है कि वकील वर्चुअल सुनवाई प्रक्रिया को हल्के में ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने ऐसी कई घटना देखी जब वकील टी शर्ट, रंगीन शर्ट में बहस कर रहे हैं। यहां तक कि स्कूटर चलाते हुए, पूजा करते, टहलते, शोर शराबे के बीच बाजार में, सुनवाई के दौरान दूसरे फोन पर बात करते हुए वर्चुअल बहस कर रहे हैं, जो कत्तई उचित नहीं है। वर्चुअल सुनवाई में आडियो वीडियो चल रहा है। बिस्तर पर बैठे लेडीज वकील फेस पैक लगाये बहस करती दिखाई दिये।

कोर्ट ने कहा वकीलों को सोचना चाहिए वर्चुअल सुनवाई भी कोर्ट कार्यवाही है। कोर्ट का दायरा घर, आफिस, चेम्बर तक बढ़ गया है। इसे कोर्ट के रूप में ले। कोर्ट की आपत्ति के बाद भी गलती का अहसास नहीं है।