उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने किया छठ व्रत पूर्ण
लखनपुरी के आदि गंगा गोमती तट पर सूर्योदय से पूर्ण लगा था व्रतियों का मेला
लखनऊ, 31 अक्टूबर । कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि, सोमवार को उदय होते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने अपना छठ व्रत पूरा किया। इसी के साथ ही नहाए-खाए से शुरू हुआ महापर्व पूर्ण हो गया। व्रती महिला के पति या पुत्र ने जल देकर महिला का व्रत खुलवाया। परिवार के बीच ठेकुए और अन्य पकवान का प्रसाद बाटा गया।
भगवान सूर्य की कठोर साधना का इस व्रत के दौरान सोमवार की भोर अन्य दिनों की सुबह की बेला से अलग थी। आदि गंगा गोमती के विभिन्न तटों पर दीप प्रज्ज्वलित थे। छठ माई की पूजा हो रही थी। महिलाएं श्रृंगार किए माई के गीत गा रहीं थीं। भीनी-भीनी ठंड के बीच व्रती महिलाएं नदी में खड़ी होकर भगवान सूर्य निकलने का इंतजार कर रही थीं। उनके गीत भक्तिमय माहौल बना रहे थे। परिवार की सभी महिलाएं-पुरुष सभी सहयोग कर रहे थे।
जैसे ही पूर्व दिशा में कुछ लालिमा छाई तो व्रती महिलाओं सहित परिवार के सभी लोगों में एक खुशी दिखाई दी। दोनों हाथों में फल, पकवान से भरा डाला लेकर सूर्यदेव के उदय होने की प्रतीक्षा में ठंडे जल में खड़ी व्रती महिलाओं ने जब भाष्कर भगवान के दर्शन दिए तो अर्ध्य दिया और अपना व्रत पूर्ण किया।
इससे पहले सुबह पांच बजे से व्रती महिलाओं का गोमती तट के घाटों पर जाना शुरू हो गया था। वे सब माई गीत गाते हुए आगे बढ़ी चली जा रही थीं। सूर्योदय से पहले ही गोमती तट पर हजारों की संख्या में पूजा करने आए भक्त इक्ट्ठा हो गए थे। लक्ष्मण मेला स्थल का छट घाट, पक्कापुल का सांझियां घाट, झूलेलाल घाट, मनकामेश्वर घाट सहित तट पर बने हुए अन्य घाटों पर पूजा हो रही थी। इसके अलावा कुकरैल, एचएएल व लोगों ने अपने घरों में भी कृत्रिम जलाशय बनाकर पूजा अर्चना की।