जलकर जमा करने वालों से ही बकाया बढ़ा जलकर की वसूली क्यों : हाईकोर्ट

जलकर जमा करने वालों से ही बकाया बढ़ा जलकर की वसूली क्यों : हाईकोर्ट

जलकर जमा करने वालों से ही बकाया बढ़ा जलकर की वसूली क्यों : हाईकोर्ट

प्रयागराज, 07 अगस्त । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जल कर विभाग नगर निगम प्रयागराज से पूछा है कि किस नियम से जलकर जमा करने वाले उपभोक्ताओं से 2014 से बढ़े जल मूल्य के बकाया जमा कराया जा रहा है और जिन्होंने इस दौरान बिल जमा नहीं किया है उन्हें छूट दी गई है।

कोर्ट ने एक सितम्बर 20 को जारी महापौर के आदेश को लेकर तल्ख टिप्पणी की और कहा कि बिल का भुगतान करने वाले लोगों से ही बकाया बढ़ा जल मूल्य क्यों लिया जा रहा है।



नगर निगम की कार्यकारिणी की 1 सितम्बर 20 की बैठक में फैसला लिया गया कि 2014-15 मे जल मूल्य की बढ़ोत्तरी हुई है।जो उपभोक्ता 2014 से 2020 तक जल मूल्य जमा नहीं कर सके हैं, उनसे बकाया वृद्धि वसूली नहीं की जायेगी। उनसे 2020-21से बढ़ा हुआ जल मूल्य जमा कराया जायेगा। जिस पर कोर्ट ने सफाई मांगी है। याचिका की सुनवाई 9 अगस्त को होगी।



यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने बाई का बाग निवासी सुधा भार्गव की याचिका पर दिया है। कोर्ट का कहना है कि आखिर बैंक लोन, बिजली बिल जमा करने वालों को प्रोत्साहन देने वाली कोई स्कीम क्यों नहीं लाती जाती। जो डिफाल्टर है, उन्हें ही छूट क्यों दी जाती है। जो लोग अवैध कनेक्शन जोड़ कर जल का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। केवल ईमानदारी से टैक्स जमा करने वालों पर ही सारा बोझ डाला जा रहा है। ऐसे में टैक्स कौन जमा करना चाहेगा।



कोर्ट ने नगर निगम की डिफाल्टर्स को छूट देने की स्कीम को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। याची का कहना है कि नगर निगम प्रयागराज के जल कल विभाग ने 6 लाख 3 हजार 512.50रूपये का बकाया बिल भेजा है। जिसमें से 56022 रुपये जल मूल्य व 49656.50 रूपये जुर्माना शामिल है। याची हर माह 10 हजार जमा करने को तैयार हैं। किश्तों में जमा करने की अनुमति दी जाय और जुर्माने माफ किया जाय। याचिका में महापौर द्वारा जारी कार्यकारिणी के प्रस्ताव का हवाला दिया गया है।