पूर्व राज्यपाल की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित

पूर्व राज्यपाल की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित

पूर्व राज्यपाल की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित

प्रयागराज, 10 नवम्बर  । पूर्व राज्यपाल पं. केसरी नाथ त्रिपाठी के अंदर ऐसे सभी गुण विद्यमान थे जो एक आदर्श राजनेता के व्यक्तित्व और कृतित्व में दिखाई देता है। वे सहजता एवं सरलता के प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपने 45 वर्ष के राजनीतिक जीवन में ईमानदारी एवं शुचिता की छाप छोड़ी और उनका विरोधी दल के नेता भी बड़ा ही सम्मान करते रहे।

यह बातें मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने भारतीय जनता पार्टी महानगर के तत्वावधान में पार्टी कार्यालय सिविल लाइन में पूर्व राज्यपाल पं. केशरी नाथ त्रिपाठी की 90वीं जन्म जयंती पर सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उपस्थित सभी भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने केशरी नाथ त्रिपाठी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।

विशिष्ट अतिथि सांसद केशरी देवी पटेल एवं महापौर गणेश केसरवानी ने संयुक्त रूप से कहा कि केसरी नाथ त्रिपाठी प्रयागराज के गौरव और सहजता एवं सरलता की प्रतिमूर्ति थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने कहा कि केशरी नाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी के सच्चे सिपाही और राष्ट्रभक्त नेता थे। वे विद्वान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रहे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार विधानसभा के अध्यक्ष रहे और पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और बिहार के राज्यपाल के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन किया। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के सच्चे मार्गदर्शक रहे।

इस दौरान जिलाध्यक्ष गंगापार कविता पटेल, जिलाध्यक्ष यमुनापार विनोद प्रजापति, पूर्व विधायक प्रभा शंकर पांडे, पार्षद किरन जायसवाल, भाजपा नेता विक्रम सिंह पटेल, योगेश शुक्ला, पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता, पूर्व उप महापौर मुरारी लाल अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह, कार्यक्रम संयोजक पदुम जायसवाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया उक्त अवसर पर केसरी नाथ त्रिपाठी की पुत्रवधू कविता यादव त्रिपाठी ने अपने आवास पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि पंडित केशरी नाथ त्रिपाठी भाजपा के पथ प्रदर्शन व एक महान जननेता थे जिन्होंने जन-जन में राष्ट्रवाद का जुनून जगाया और जनता की सेवा को सत्ता से सर्वोपरि माना। वे हम सभी के प्रेरणा स्रोत रहे और उन्हीं के आदर्शों पर चलकर उनके सपनों को पूरा करूंगी। कार्यक्रम का संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया।