चली बरात निसान बजाई, मुदित छोट बड़ सब समुदाई: स्वामी प्रखर महाराज

चली बरात निसान बजाई, मुदित छोट बड़ सब समुदाई: स्वामी प्रखर महाराज

चली बरात निसान बजाई, मुदित छोट बड़ सब समुदाई: स्वामी प्रखर महाराज

महाकुम्भ नगर,10 फरवरी (हि.स.)। चली बरात निसान बजाई, मुदित छोट बड़ सब समुदाई। रामहि निरखि ग्राम नर नारी, पाइ नयन फलु होहिं सुखारी। यह चौपाई प्रयागराज महाकुम्भ के सेक्टर-19 गंगोली शिवाला व शंकराचार्य मार्ग स्थित श्रीप्रखर परोपकार मिशन अस्पताल एवं शिविर के ज्ञानालय में भक्तों को श्री राम कथा सुनाते हुए महामण्लेश्वर प्रखर महाराज ने कही।

उन्होंने श्रीराम कथा में कहा कि डंका बजाकर बारात चली। छोटे-बड़े सभी समुदाय प्रसन्न हैं। (रास्ते के) गाँव के स्त्री-पुरुष श्री रामचन्द्रजी को देखकर नेत्रों का फल पाकर सुखी होते हैं। बारात, अयोध्यापुरी के समीप पहुँची तथा इसकी सूचना नगरवासियों को मिलते ही वह अपने-अपने घरों-बाजारों आदि को सजाने लगे। अनेक प्रकार के मंगल कलश घर-घर में सजाकर बनाए गए हैं। उस समय राजमहल भी बहुत सुशोभित हो रहा है, उसकी रचना देखकर तो कामदेव का भी मन मोहित हो जाता है। बहुओं सहित चारों पुत्रों को देखकर माताएँ परमानन्द में मग्न हो गईं, सीताजी और श्रीरामजी की छवि को बार-बार देखकर वे जगत में अपने जीवन को सफल मानकर आनन्दित हो रही हैं। इस तरह वह श्री राम कथा को आगे बढ़ाया।

इससे पूर्व काशी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. दिव्य स्वरूप ब्रह्मचारी ने ‘माघ माहात्म्य कथा’ श्रवण कराते हुए कहा देवद्युति कहने लगे कि इस प्रकार उस केरल ब्राह्मण ने उस पर्वत पर अधिक समय व्यतीत करके एक मार्ग में एक पथिक को देखा, जो दो गगरियों में त्रिवेणी का जल लिए हुए था। साथ ही आनन्द पूर्वक भगवान के चरित्र का गान कर रहा था। प्रेत ने उसका मार्ग रोककर कहा कि तुम डरो मत। कथा का रसपान कराया।

1300 लोगों ने कराया परीक्षण

अस्पताल की ओ.पी.डी. में सोमवार को लगभग 1300 रोगियों का ओपीडी में परीक्षण किय गया, वहीं पैथाॅलाॅजी में लगभग 45 रोगियों की जाँचे व एक दर्जन से अधिक रोगियों के एक्स-रे किए गए। शिविर में प्रतिदिन की भाँति मुख्य द्वार पर वेणी-माधव निःशुल्क चाय व पकौड़ी के वितरण में 10 से 12,000 श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया तथा प्रातः के समय नारायण स्वरूप शिविर में पधारने वाले लगभग 500 दण्डी सन्यासी, ब्रह्मचारियों ने जलपान एवं दक्षिणा ग्रहण कीं।

शिविर में प्रमुख रूप से राजेश अग्रवाल, मनीष गर्ग, डाॅ. सज्जन प्रसाद तिवारी, विश्वनाथ कानोडिया,रघुनाथ सिंह, लोकेश लोहिया, सुशील खेमका, अन्जू बत्रा, विवेक मित्तल, प्रो. डाॅ. कमलाकान्त त्रिपाठी, डाॅ. गिरीश दत्त पाण्डेय, चिरायु मित्तल, कुणाल मित्तल, अनिल गर्ग,उपस्थित रहे।