उप्र में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग एवं पैरामेडिकल काॅलेजों के विरुद्ध होगी कड़ी कार्रवाई
'मिशन निरामयाः' की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश
लखनऊ, 18 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों के विरुद्ध अभियान चलाकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को आयोजित 'मिशन निरामयाः' की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश जारी किए।
मुख्य सचिव ने कहा कि 'मिशन निरामयाः' अधिक कार्यकुशल नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने का एक महत्वाकांक्षी अभियान है। इससे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचें और सुदृढ़ होगा और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें प्राप्त होंगी। इस अभियान में तेजी लाते हुये भविष्य की जरूरतों के अनुसार नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन पर जोर दिया जाये।
उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज व पैरामेडिकल कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाये और कोर्स की प्रवेश परीक्षा तथा एकेडेमिक परीक्षा को नकलविहीन व पारदर्शिता के साथ सम्पन्न करायी जायें, ताकि प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें बेहतर प्लेसमेंट प्राप्त हो सके।
बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि मिशन निरामयाः में चयनित संस्थानों को उनके शिक्षण, अध्यापन व उनके बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और छात्रों के व्यवहारिक कौशल पर मूल्यांकन किया जाएगा। ऐसे सभी संस्थानों का मूल्यांकन एक स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा किया जाएगा और इस कार्य का उत्तरदायित्व भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) को सौंपा गया है।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।