विज्ञान हमारी वनस्पति व जंतु के बारे में अध्ययन करता है : डॉ शुभांकर द्विवेदी

विज्ञान हमारी वनस्पति व जंतु के बारे में अध्ययन करता है : डॉ शुभांकर द्विवेदी

विज्ञान हमारी वनस्पति व जंतु के बारे में अध्ययन करता है : डॉ शुभांकर द्विवेदी

प्रयागराज, 12 अगस्त । विज्ञान हमारी वनस्पति एवं जंतु के प्रकारों एवं उनकी सुरक्षा के बारे में अध्ययन करता है। यह अध्ययन हमें प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, भूकम्प, भूस्खलन, चक्रवात आदि) के कारण एवं परिणाम को समझने एवं प्रदूषण एवं प्रभावों जैसे कि रेडियोधर्मी प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा, जल एवं सामाजिक प्रदूषण को कम करने के उपायों में मदद करता है।

उक्त विचार बतौर मुख्य अतिथि चिकित्सक डॉ. शुभांकर द्विवेदी ने रविवार को ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज गंगापुरी रसूलाबाद में विज्ञान एवं पर्यावरण संरक्षण के समापन अवसर पर व्यक्त किया।

ज्वाला देवी में 3 से 10 अगस्त तक चलने वाले समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय रेल के सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने उपयोग और व्यवहार में सततता बनाए रखे। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें। प्लास्टिक और प्रदूषण कम करने के लिए योजनाएं बनाएं और सामाजिक चेतना बढ़ाए। क्योंकि प्रकृति हमारी माता के समान है इसका संरक्षण हमें अपनी मां के समान करना चाहिए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ने सभी भैया-बहनों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज विज्ञान जिस तरह से प्रगति कर रहा है उससे सीख लेते हुए आप सभी को भी नवाचारित प्रयोग एवं कृतिम बुद्धिमत्ता पर जोर देने की आवश्यकता है। साथ ही स्वयं पर्यावरण संरक्षण करते हुए समाज को भी जागरूक करने की नितांत आवश्यकता है। तभी पर्यावरण संरक्षण की संकल्पना पूर्ण हो सकेगी।

कार्यक्रम के संयोजक हरिशंकर प्रजापति ने भैया-बहनों के शैक्षिक उन्नयन की दृष्टि से विज्ञान एवं पर्यावरण संरक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत की। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में पोस्टर, पेंटिंग, मॉडल, निबंध लेखन, वृक्षारोपण, वाद-विवाद आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतिभाग करने वाले भैया-बहनों को विद्यालय स्तर पर अतिथियों ने मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्या रीता विश्वकर्मा एवं छात्रा इंद्राणी सिंह ने किया। इस अवसर पर जनार्दन प्रसाद दुबे, सुधाकर पाण्डेय, शिवप्रसाद, हरिशंकर, वेद गिरी, सूरज चौरसिया, शिवानंद मिश्र आदि अध्यापक उपस्थित रहे।