उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस पर सबसे कम भरोसा : अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस पर सबसे कम भरोसा : अखिलेश यादव
लखनऊ, 20 नवम्बर । उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस पर सबसे कम भरोसा है। उत्तर प्रदेश को सहायक और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में 5.59 निष्पक्ष और निष्पक्ष पुलिसिंग में 5.27 और पुलिस जवाबदेही में 5.80 स्कोर किया है।
जिस सिग्नेचर बिल्डिंग में प्रधानमंत्री-गृहमंत्री बैठकर कर रहे हैं, वह सपा सरकार में बनी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री इन दिनों सभी लखनऊ में डीजीपी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। शानदार सिग्नेचर बिल्डिंग समाजवादी सरकार में बनी थी। वहां स्थापित डायल 100 (अब 112) को बर्बाद कर दिया गया। स्मार्ट पुलिसिंग इन्डेक्स 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश सबसे नीचे की श्रेणी में आता है। बिहार समग्र पुलिसिंग में सबसे कम स्कोर (5.74) पर था उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान 5.82 पर है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब जनपदों में अपहरण, लूट, हत्या और बलात्कार की घटनाएं न घटती हों। पुलिस हिरासत में मौतों और फर्जी एनकाउंटरों के मामलों में तो उत्तर प्रदेश की देश-दुनिया में बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री जी दावे तो बड़े-बड़े करते हैं पर नतीजा शून्य रहता है।
भाजपा ने किया कुछ नहीं, ढिंढोरा आसमान तक पीट रहे : अखिलेश यादव
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जनता भूख, बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है, किसान अभी भी अन्याय का शिकार है और नौजवान के आगे अंधेरा भविष्य है फिर भी भाजपा झूठे प्रचार से बाज नहीं आ रही है। किया कुछ नहीं पर ढिंढोरा आसमान तक पीट रहे हैं। जनता पर अब इस सबका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। सभी ने मन बना लिया है कि इस बार सन् 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हटाना और समाजवादी पार्टी को सत्ता में लाना है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में एक नेत्रहीन विधवा की तीन बेटियों द्वारा आत्महत्या की खबर बेहद दुखदाई है। पूरा परिवार गरीबी से जूझ रहा था। एक बेटा दिहाड़ी पर मजदूरी करता है तो बेटियां गांव में ही दूसरों के खेतों में कटाई-मड़ाई करती थी। लकड़ियां बीनकर लाती थी तो चूल्हा जलता था। भाजपा सरकार में जरा भी संवेदना हो तो नेत्रहीन परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था की जानी चाहिए।