पद्मभूषण शारदा सिन्हा और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त छठ में जागरूकता गीत की मची धूम

पद्मभूषण शारदा सिन्हा और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त छठ में जागरूकता गीत की मची धूम

पद्मभूषण शारदा सिन्हा और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त छठ में जागरूकता गीत की मची धूम

छठ गीत को लेकर देश से विदेश तक छाई रहने वाली बेगूसराय की बहू शारदा सिन्हा के साथ मिलकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी पहल की है। छठ के दौरान लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने तथा टीका का दोनों डोज लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पद्मभूषण शारदा सिन्हा का एक नया वीडियो रिलीज करवाया है। ''अइसन बिपतिया आईल वरत लगाई पार'' के नाम से शारदा सिन्हा द्वारा इस वर्ष गाए गए नए छठ गीत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार मिनट 23 सेकेंड के एक छोटे से फिल्म के रूप में बनाया है। जिसमें शारदा सिन्हा छठ की महिमा बताने और छठ के गीत गाने के साथ-साथ लोगों से वैश्विक महामारी कोरोना से बचने तथा टीका लेने की अपील कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस वीडियो को तमाम सरकारी विभागों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर किया जा रहा है। इसके बाद बेगूसराय समेत बिहार के लाखों लोगों ने व्हाट्सएप, फेसबुक एवं ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं, महिलाएं घर में छठ गीत के साथ इस गीत को भी चाव से सुन रही हैं।

उल्लेखनीय है कि जब छठ के समय गीतों का इतना प्रचलन नहीं था, सिर्फ विंध्यवासिनी देवी एक-दो गीत सुनने को मिलते थे तो 1978 में बेगूसराय जिला सिहमा निवासी शारदा सिन्हा ने पहली बार उगो हो सूरज देव भइल अरघ केर बेर छठ गीत रिकॉर्ड किया था। वह कैसेट इतना छा गया कि खुद कंपनी वाले लगातार गीत रिकॉर्ड करने का अनुरोध करने लगे। जिसके बाद शारदा सिन्हा द्वारा गाए गए 75 से अधिक छठ गीत में शारदा सिन्हा और छठ के पर्याय बन चुके हैं। कार्तिक आते ही जब गांव में छठ गीत बजना शुरू होता है तो सबसे पहले शारदा सिन्हा के गीतों का धूम मचाता है और लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं। जैसे ही शारदा सिन्हा की स्थिर आवाज गीत के रूप में सुनाई पड़ती है, छठ पर्व का एहसास जिंदा हो जाता है। 2001 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड और 2018 में पद्म सम्मान से सम्मानित बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के गीत जहां कहीं भी छठ होता है वहां पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ गाए जाते हैं। वह भारत का कोई हिस्सा हो या विदेशों का। सब जगह उनके गीत ''केलवा के पात पर उगलन सुरुज देव, मारबउ रे सुगवा धनुष से, आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ'' आदि जरूर धूम मचाती है। शारदा सिन्हा के छठ और विवाह गीत मिथिला, मगध और भोजपुर सभी जगहों की महिलाएं पूरे श्रद्धाभाव से गाती हैं। ऐसे में जब शारदा सिन्हा छठ गीत के माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति प्रेरित कर रही है तो उसका जबरदस्त असर दिखने लगा है। पिछले साल तक पोखर और सार्वजनिक जगह पर छठ करने वाले लोग अपने-अपने घरों में छठ करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।