छठ व्रत के दूसरे दिन व्रती महिलाओं ने किया 'खरना' महाव्रत शुरू

बुधवार को दिया जाएगा डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य

छठ व्रत के दूसरे दिन व्रती महिलाओं ने किया 'खरना' महाव्रत शुरू

महिलाओं ने छठ पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को अपने घरों में 'खरना' किया। इसके अलावा बुधवार को होने वाली बड़ी छठ के पूजन की तैयारी की। बड़ी छठ पर डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। सारा दिन व्रती महिलाएं पूजा का प्रसाद बनाने में लगी रहीं।

मंगलवार को व्रती महिलाओं ने नए चावल और गुड़ की बनी खीर का सेवन किया। व्रत रख रही बुजुर्ग महिला शांति गुप्ता बताती हैं कि 'खरना' में खीर खाई जाती हैं। खीर नए चावल की बनती है। कहीं लोग गुड़ तो कहीं शक्कर से खीर बना लेते हैं। इस व्रत में पूरी तरह से पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। सोना भी जमीन पर धुले हुए बिस्तर पर होता है।


उन्होंने बताया कि 'खरना' के बाद से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। बुधवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। गुरूवार को भोर में उदय होते सूर्य को अर्ध्य देकर ही व्रत पूर्ण होगा। तब तक पानी नहीं पियेंगे। व्रत के दूसरे दिन मंगलवार को वह सारा दिन पूजा की तैयारी में जुटी रहीं। उनकी दोनों बहुएं भी व्रत रखे हुए हैं। वह भी सास के साथ में तैयारी में लगी थीं। पूरे परिवार में त्योहार का माहौल था। बेटे बाजार से जरूरी सामान लाने का दायित्व निभा रहे थे। श्रीमती शांति बताती हैं कि इस पूजा में ठेकुआ जरूर बनाया जाता है। ठेकुआ आटे में घी और गुड़ मिलाकर बनाया जाता है। यह थोड़ा कड़ा होता है।

उनके बेटे अशोक बताते हैं कि हम लोग अपने घरों में ही सूर्य को अर्ध्य देंगे। इसके लिए बच्चों के नहाने का बड़ा सा टब लाए हैं। उसमें पानी भर देंगे और उसी में अर्ध्य दे देंगे। उन्होंने बताया कि बहुत से परिवारों अपने घरों में अर्ध्य दे देते हैं। बहुत से लोग घरों के बाहर ईंटों से कुंड बना लेते हैं। बहुत से लोग नदी या तालाब में भी जाते हैं। अपनी सुविधा के अनुसार हर कोई पूजन करता है।