छठ पर्व : व्रतियों ने की वेदी की पूजा
तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटीं महिलाएं, सजने शुरू हो गए छठ के दउरे
डाला छठ की पूर्व संध्या पर व्रती महिलाओं ने घाट पहुंच बनाई गई वेदी की सविधि पूजन-अर्चन किया। इस दिन व्रती महिलाओं ने जलाशय में पारम्परिक स्नान किया। वेदी पर परम्परागत सिंदूर, फूल और जल चढ़ाया। शाम को घाट की ओर जाती महिलाएं छठ मईया के गीत गुनगुनाते घर से निकली तो माहौल भक्ति भाव से ओत-प्रोत हो गया।
देर रात्रि व्रती महिलाओं ने गुड़ का खीर तथा पूड़ी का भोग लगाकर खरना की पूजा की। इसके साथ ही सप्तमी तिथि को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण होने तक निर्जला व्रत प्रारम्भ हो गया। व्रत का पहला अर्घ्य 10 नवम्बर बुधवार को शाम को डूबते सूर्य को दिया जाएगा। नगर सहित जनपद के अन्य बाजारों में मंगलवार को पूजन सामग्री खरीदते भारी संख्या में लोगों को देखा गया। इसमें सर्वाधिक भीड़ महिलाओं की रही। फल, गन्ना आदि पूजन सामग्री के भाव तो आज और ऊंचाई पर पहुंच गया।
सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ 10 नवम्बर को होगा। इसके पहले मंगलवार की शाम व्रती महिलाओं ने छठ घाटों पर बने वेदी की विधि-विधान से पूजन-अर्चन की। तत्पश्चात रात में गुड़ से बनी खीर एवं हाथ से पीसें गेहूं के आटे की पुड़ी खाकर खरना की पूजा की।
बता दें कि डाला छठ सूर्योपासना से संबद्ध है। व्रती महिलाएं आराधना गीतों से छठ मईया के साथ अपना भावात्मक सम्बंध बनाती हैं। इस व्रत से सूर्य एवं छठ मईया की पूजा होती है।