बीएचयू की पूर्व चीफ प्राॅक्टर प्रो रोयना के खिलाफ मुकदमें में होगी अग्रिम विवेचना

हत्या के प्रयास और घर में घुसकर आगजनी मामला, पहले विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी

बीएचयू की पूर्व चीफ प्राॅक्टर प्रो रोयना के खिलाफ मुकदमें में होगी अग्रिम विवेचना

वाराणसी, 09 नवम्बर । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की पूर्व चीफ प्राक्टर प्रो. रोयना सिंह, पूर्व सम्पदा अधिकारी लालबाबू पटेल और अन्य के खिलाफ पुराने मुकदमें में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) ने अग्रिम विवेचना का आदेश दिया है। प्रो.रोयना और अन्य के खिलाफ लंका थाने में दर्ज हत्या के प्रयास और घर में घुसकर विधि विरुद्ध जमाव और आगजनी के मामले में विवेचक ने पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। न्यायालय ने पहले के विवेचक द्वारा प्रस्तुत किए गए अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए अग्रिम विवेचना का आदेश लंका पुलिस को दिया है।

वर्ष 2018 के मार्च माह में नरिया निवासी आशीष कुमार सिंह ने बीएचयू की तत्कालीन चीफ प्राॅक्टर प्रोफेसर रायना सिंह, संपदा अधिकारी लालबाबू पटेल एवं अन्य सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं में लंका थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित आशीष का आरोप था कि 20 मार्च को चीफ प्राॅक्टर प्रो रोयना, संपदा अधिकारी लालबाबू पटेल एवं अन्य सुरक्षा कर्मियों ने उसके घर में घुसकर तोड़-फोड़ की और वहां रखे लकड़ियों में आग लगा दी। गाली-गलौज करने के साथ ही उसके ऊपर फायरिंग कर हत्या का प्रयास किया गया। इस मामले में विवेचक ने पांच जून 2018 को प्रो रायना सिंह समेत अन्य सभी को क्लीनचिट देते हुए अदालत में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दिया। इस पर वादी के अधिवक्ता ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराया।

अधिवक्ता की दलील थी कि विवेचक द्वारा अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि वादी मुकदमा आशीष कुमार सिंह द्वारा स्वयं अपनी लाइसेंसी हथियार से खुद को घायल कर प्रो रायना सिंह एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और ट्रामा सेंटर में भर्ती हुआ था। अधिवक्ता ने दलील दिया कि आशीष कुमार सिंह के पास न तो कोई लाइसेंसी हथियार है और न वह ट्रामा सेंटर बीएचयू में भर्ती हुआ था। मुकदमें से सम्बंधित सभी पत्रावलियों के अवलोकन और पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के पश्चात् न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत ने अग्रिम विवेचना का आदेश पारित कर दिया।