इविवि : कार्यकारिणी की बैठक में लिए गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

इविवि : कार्यकारिणी की बैठक में लिए गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

इविवि : कार्यकारिणी की बैठक में लिए गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

प्रयागराज, 20 जून । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यकारिणी की 75वीं बैठक कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मंगलवार को नॉर्थ हाल में हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए।

इविवि की पीआरओ डॉ जया कपूर ने मुद्दों के बारे में बताया कि गणित विषय में चयन समिति द्वारा चुने गए नामों पर मुहर लगाई गई। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एक अनारक्षित, दो एससी और 2 ओबीसी श्रेणी में शिक्षकों की नियुक्ति को अनुमोदन दिया गया। इसके अलावा कार्यकारिणी ने प्रमोशन के अन्तर्गत डॉ अविनाश कुमार चतुर्वेदी एवं डॉ ज्ञानचंद्र सिंह यादव को स्टेज-2 से स्टेज-3 और डॉ बृजेश कुमार शर्मा को स्टेज-3 से एसोसिएट प्रोफेसर के लिए पदोन्नति को अनुमोदन दिया गया।

इसी प्रकार, विज्ञान परिषद के मुद्दे पर 1952 के कार्यकारिणी के निर्णय को पढ़ा गया। जिसके अनुसार विज्ञान परिषद को विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में एक साइंटिफिक पत्रिका निकालने और इससे जुड़ी दूसरी गतिविधियों के लिए जमीन दी गई थी। इस समय विज्ञान परिषद में साइंटिफिक पत्रिका का कोई काम नहीं हो रहा और कई प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हैं। जो नियमों के विरुद्ध है। निर्णय लिया कि विज्ञान परिषद को दी गई जमीन वापस ली जाए और इस कार्य की देखरेख विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं स्टेट मैनेजर करेंगे।

कार्यकारिणी ने निर्णय लिया कि सभी नवनियुक्त शिक्षकों का प्रोबेशन एक वर्ष के लिए बढ़ाकर अब 2 वर्ष का कर दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि कुलपति इन सभी सुविधाओं के लिए शिक्षकों की कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाएंगी जो इन सुविधाओं के इस्तेमाल से जुड़े नियम कानून आदि बनाएंगे और इनकी देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगी। छात्रों द्वारा कुलपति से प्रोफेसर अरुण गर्ग के खिलाफ की गई शिकायतों के संदर्भ में कार्यकारिणी द्वारा एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। दीपशिखा सोनकर मामले में कार्यकारिणी ने एक इंक्वायरी ऑफिसर नियुक्त किया है।

कार्यकारिणी ने यह भी निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न हॉस्टल में गैर कानूनी तरीके से घर बनाकर रह रहे सभी लोगों को नोटिस दिया जाएगा और नोटिस में निश्चित समय अवधि के बाद इन सभी गैर कानूनी घरों को तोड़ दिया जाएगा। विश्वविद्यालय के उत्थान के लिए कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं कठिन फैसलों की प्रशंसा की जिनसे विश्वविद्यालय अनेकों चुनौतियों के बावजूद निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है।