खुशनुमा मौसम में शुरू हुआ मकर संक्रांति का स्नान, पुण्यकाल कल
खुशनुमा मौसम में शुरू हुआ मकर संक्रांति का स्नान, पुण्यकाल कल
14 जनवरी । तीर्थराज प्रयाग में खुशनुमा मौसम के बीच शनिवार से ही मकर संक्रांति का स्नान शुरू हो गया। वैसे संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को है। मकर संक्रांति पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से ही मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है। श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान कर तिल और गुड़ का दान आज से ही शुरू कर दिये हैं। मौसम अनुकूल होने पर आज भोर से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की तरफ उमड़ पड़ा। मकर संक्रांति के अवसर पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर देर रात से ही वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया, जो कल रात तक जारी रहेगा।
वहीं, दंडी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज का कहना है कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश आज दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर होगा और रविवार को पूरे दिन रहेगा। ऐसे में संक्रांति का पुण्यकाल कल शाम तक रहेगा। उधर, मेला प्रशासन ने भी मकर संक्रांति के स्नान पर्व के लिए दो दिन के हिसाब से तैयारियां की हैं।
--संक्रांति पर दान का विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। इस समय मेले में स्नान के बाद श्रद्धालु गंगाजल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दे घाट के किनारे ही पूजा-अर्चना कर यथाशक्ति तिल, गुड़, चावल व खिचड़ी आदि का दान कर रहे हैं। यह प्रक्रिया कल भी जारी रहेगी। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह खिचड़ी का प्रसाद भी बंट रहा है। विभिन्न संत-महत्माओं व शंकराचार्यों के शिविर में चल रहीं रास-लीलाएं श्रद्धालुओं को खासा आकर्षित कर रही हैं।
--माघ मेले में घाट पर व्यवस्था
मकर संक्रांति के स्नान पर्व के लिए माघ मेला क्षेत्र में 14 घाट बनाए गए हैं। जिसमें 50 मोटर बोट और सौ नावों से घाटों की निगरानी हो रही है। वहीं माघ मेले में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इस दौरान घाटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और नावों को निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
बता दें कि, 06 जनवरी को पौष पूर्णिमा से मेला शुरू हुआ और अब 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 05 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है।