‘भारत का स्वतंत्रता आंदोलन एवं महिलाएं’ विषय पर व्याख्यान
आजादी की लड़ाई में महिलाओं की हिस्सेदारी उत्प्रेरक : प्रो आलोक
प्रयागराज, 11 अप्रैल । आजादी की लड़ाई में महिलाओं की हिस्सेदारी ने उत्प्रेरक का काम किया है। उस समय महिलाएं दो तरह की लड़ाई लड़ रही थी। पहला, अंग्रेजों के विरुद्ध भारत को स्वतंत्र कराने के लिए, दूसरा अपने हक व अधिकारों की लड़ाई, जो समाज व ब्रिटिश शासन दोनों से था।
उक्त विचार इलाहाबाद विश्वविद्यालय, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास विभाग के प्रो.आलोक प्रसाद ने ‘‘भारत का स्वतंत्रता आंदोलन एवं महिलाएं’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में व्यक्त किया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता अदृश्य योगदान के रूप में देखा, जिसके बारे में कहीं भी लिखित साक्ष्य मौजूद नहीं है। इनको प्रकाश में लेने के लिए महिलाओं के बीच जाना होगा, उनकी आवाज सुननी होगी।
आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास विभाग द्वारा विशिष्ट व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी महिलाओं को ही राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा मानना उनके योगदान को अपूर्ण करता है बल्कि उन महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए जो अपने सम्मान, अधिकारों के लिए लड़ रही और जो घर की चहारदीवारी के अन्दर रहकर भी मानसिक रूप से क्रांतिकारी को संबल देने का कार्य किया, उन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए इतिहास लेखन में नजरियों में परिवर्तन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने तथा संचालन डॉ. धीरज चौधरी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रेफाक अहमद ने किया। कार्यक्रम में डॉ. रचना सिंह, डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. अनुजा सलूजा, डॉ. विकास कुमार, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. आलोक मिश्रा, डॉ. मनोज कुमार दूबे, शोधार्थी व छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।