जून में पहली उड़ान भरेगा एचएएल का हल्का लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए
एफओसी संस्करण के सभी 10 लड़ाकू विमान वायु सेना को सौंपे जाने की उम्मीद
नई दिल्ली, 09 जनवरी । हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का एलसीए तेजस एमके-1ए इसी साल जून में पहली उड़ान भरेगा। इसके साथ ही 2022 में ही भारतीय वायु सेना को अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) संस्करण के सभी 10 हल्के लड़ाकू विमान सौंपे जाने की उम्मीद है। एचएएल से पिछले साल फरवरी में 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट की हुई डील 'टू फ्रंट वार' की तैयारियां कर रही भारतीय वायुसेना को नई आसमानी लड़ाकू ताकत देगी और भविष्य में यह स्वदेशी लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना का रीढ़ साबित होगा।
एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने कहा कि हम इस साल कम से कम 6-8 विमानों की आपूर्ति करने का प्रयास करेंगे। हालांकि, सभी 10 विमान पहले से ही तैयार हैं, लेकिन कुछ सिस्टम इजरायल से डिलीवर किए जाने हैं। यदि समय पर ऐसा होता है, तो हम सभी 10 एलसीए तेजस एमके-1ए की आपूर्ति कर सकते हैं। माधवन ने कहा कि इस साल जून तक तेजस एमके-1ए पहली उड़ान भरेगा। एक बार उड़ान शुरू होने के बाद हमारे पास लगभग 20 से 24 महीने का समय परीक्षण के लिए होता है। परीक्षण शुरू होने के बाद हम उम्मीद के मुताबिक डिलीवरी के लिए तैयार होंगे। तेजस की इस स्वदेशी परियोजना से करीब 500 भारतीय कंपनियों को फायदा होगा जो विमान के अलग-अलग पुर्जे देश में ही बनाएंगी।
रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल 03 फरवरी को बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 के दौरान भारतीय वायुसेना के लिए 83 एलसीए तेजस एमके-1ए की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इस सौदे के समय रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 2024 में पहले तीन विमान और अगले पांच वर्षों तक प्रति वर्ष 16 विमानों की आपूर्ति करने को कहा था। माधवन ने कहा कि एलसीए एमके-1ए का परीक्षण करने के साथ-साथ समानांतर विनिर्माण गतिविधियां शुरू करेंगे। उत्पादन बढ़ाने के लिए एचएएल ने पहले ही दो अतिरिक्त असेंबली लाइनें स्थापित की हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सौदे से एक दिन पहले ही बेंगलुरु में तेजस की नई प्रोडेक्शन यूनिट का उद्घाटन किया था।
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले एलसीए तेजस लड़ाकू विमान 65 फीसदी स्वदेशी होंगे। स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए देशी उत्तम राडार लगाये जायेंगे। यानी वायुसेना को मिलने वाले विमानों का पहला जत्था इजरायल के राडार की जगह देशी उत्तम राडार से लैस होगा। 83 एलसीए एमके-1ए में से 63 विमानों में इलेक्ट्रॉनिक एईएस राडार लगेंगे, जिसके लिए डीआरडीओ और एचएएल में करार हुआ है। वायुसेना के पहले वाले ऑर्डर के 40 एमके-1 विमानों में मैकेनिकल इजराइली राडार लगाये जायेंगे। एचएएल ने तेजस में स्वदेशी सामग्री 62% से बढ़ाकर 65% करने का लक्ष्य बनाया है।