वृंदावन लाल वर्मा साहित्य की दुनिया में सदैव जाने जाएंगे : पवन श्रीवास्तव
वृंदावन लाल वर्मा साहित्य की दुनिया में सदैव जाने जाएंगे : पवन श्रीवास्तव
प्रयागराज, 09 जनवरी । पद्म भूषण से सम्मानित वृंदावन लाल वर्मा विद्रोही तेवर के लेखन के लिए साहित्य की दुनिया में सदैव जाने पहचाने जाएंगे। उनके इसी तेवर की वजह से अंग्रेज सरकार ने उनके कई कृतियों को प्रतिबंधित भी कर दिया था।
यह बातें कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पार्षद पवन श्रीवास्तव ने रविवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में कायस्थ संघ के बैनरतले आयोजित प्रसिद्ध उपन्यासकार, हिंदी नाटककार वृंदावन लाल वर्मा के 133वें जन्मदिवस पर कही।
उन्होंने वृंदावन लाल वर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि वीरभूमि झांसी में जन्मे पले बढ़े कायस्थ कुल के गौरव वृंदावन लाल वर्मा ने अपनी लेखनी से बुंदेलखंड के जीवन मूल्य और सांस्कृतिक उपलब्धि को राष्ट्रीय पहचान दी। वह प्रतिष्ठित अधिवक्ता थे और अपने पेशे से अर्जित किए धन को समाज के कमजोर एवं निर्धन वर्ग को पुनर्वसित करने के कार्य में लगा दिया करते थे। पवन श्रीवास्तव ने उन्हें प्रसिद्ध उपन्यासकार, हिंदी नाटककार एवं त्याग की प्रतिमूर्ति बताया। कहा कि उन्हें केंद्र एवं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महानगर अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, सतीश श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव, अधिवक्ता अजीत श्रीवास्तव, शुभेंदु श्रीवास्तव, कुशाग्र श्रीवास्तव सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।