साइबर क्राइम के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

साइबर क्राइम के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

साइबर क्राइम के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

लखनऊ, 02 अगस्त । प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध की घटनाओं को संज्ञान में लेकर इस पर अंकुश लगाने और अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर 155260 जारी किया है।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश के डीजीपी का कार्यभार ग्रहण करने के बाद मैं आपसे सोशल मीडिया के जरिये सीधा संवाद स्थापित करना चाहता था। इसके लिए मैं एक उपयोग विषय की तलाश में था, जिससे मेरा सवांद सार्थक हो सके। आज मैं अपने पहले सम्बोधन में आपको साइबर क्राइम के सम्बंध में महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहता हूं। आप सभी जानते है वर्तमान में डिजीटल लेनदेन, मोबाइल बैकिंग के बढ़ते उपयोग से फाइनेंशियल साइबर अपराधों में काफी वृद्धि हुई है। इन साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 13 मई को उत्तर प्रदेश में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग प्रोर्टल (एनसीआरपी) के अन्तर्गत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर 155260 शुरु किया गया है। यदि किसी व्यक्ति के साथ फाइनेंशियल फ्रॉड होता है तो उस व्यक्ति के द्वारा इस हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत की जा सकती है।



साइबर फ्रॉड होने के बाद पीड़ित द्वारा जितने कम समय पर इस हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत दर्ज करा दी जायेगी उसके पैसे के रिकवरी की सम्भावना उतनी ही अधिक होगी। इस हेल्पलाइन नम्बर पर प्राप्त हुई शिकायत के सम्बंध पुलिस द्वारा पीड़ित व्यक्ति से आवश्यक जानकारी लेकर शिकायत को पंजीकृत किया जाता है। साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर 155260 इसके संचालन के लिए एक डेडीकेट कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। यूपी-12 में मुख्यालय में स्थापित कॉल सेंटर पर 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनके द्वारा त्वरित गति से पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।



डीजीपी ने प्रदेश वासियों से अपील की है कि किसी भी अंजान नम्बर से कॉल आने पर अपनी गोपनीय जानकारी जैसा कि गोपनीय पिन नम्बर, ओटीपी नम्बर और सीवीवी नम्बर शेयर न करें। सतर्क रहे जागरुक रहे।