देश के भविष्य के निर्माण का बजट : गणेश केसरवानी

महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत ही ठोस कदम : व्यापार मंडल

देश के भविष्य के निर्माण का बजट : गणेश केसरवानी

प्रयागराज, 01 फरवरी । केंद्र सरकार द्वारा देश की अंतरिम बजट पेश किए जाने पर महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि यह बजट भारत के बढ़ते कदम को और गति प्रदान करेगा। यह देश के भविष्य के निर्माण का बजट है। इस बजट में 2047 के विकसित भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है। मैं वित्तमंत्री और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।



भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की वित्त मंत्री सीतारमन द्वारा संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट विकसित भारत के लक्ष्य की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों का उत्थान, मातृ शक्तियों का सम्मान और नौजवानों की चेहरे पर मुस्कान लाने वाला बजट है। यह बजट देश के हर क्षेत्र के विकास एवं कल्याण के लिए समर्पित है। इस कल्याणकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री सीतारमण के प्रति आभार प्रकट करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं। बधाई देने वालों में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्ता, राजेश केसरवानी, रईस चंद्र शुक्ला, विक्रम सिंह पटेल, डॉ एलएस ओझा, डॉ संगम मिश्रा, आनंद जायसवाल, राकेश भारतीय, नीलू शुक्ला, प्रशांत शुक्ला आदि मौजूद रहे।



जिला महिला व्यापार मंडल ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने महिला सशक्तीकरण की ओर एक मजबूत कदम उठाया है। जहां पहले एक करोड़ रुपए महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, वहीं इस वर्ष 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया गया है। जो महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत ही ठोस कदम है। स्किल इंडिया आत्मनिर्भर अभियान, बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण, सर्वाइकल वैक्सीनेशन की तरफ सरकार की तरफ से खास प्रयास यह सभी महिला हितों में सरकार की बेहतरीन पहल है। ब्लू इकोनामी 2.2 के तहत व्यापारी एक लाख करोड़ व्यापारियों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया था और भविष्य में भी स्किल इंडिया एवं 39 आईटीआई कॉलेजेस का निर्माण होना है। इससे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर भारतीयों की वृद्धि होगी।

वहीं, पीडब्लूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय मंत्री रविशंकर मिश्र ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने अंतरिम बजट से कर्मचारियों को दुःखी किया है। टैक्स स्लैब मे कोई परिवर्तन न कर टैक्स पेयी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिला। वहीं कर्मचारियों की बहु प्रतीक्षित पुरानी पेंशन की मांग न पूरी कर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि यह चुनावी बजट था। कर्मचारियों को भरोसा था कि कर्मचारियों को मंहगाई से लड़ने के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा हो सकती है और सरकार मूल वेतन 18 हजार से 26 हजार करके कर्मचारियों को महंगाई से राहत पहुंचाएगी। लेकिन इस बजट से कर्मचारियों की आशाओं पर पानी फिर गया।