बजट सत्र : मुख्यमंत्री योगी ने विधान सभा में विपक्ष पर किया पलटवार
बजट सत्र : मुख्यमंत्री योगी ने विधान सभा में विपक्ष पर किया पलटवार
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-सीएम ने की समाजवादी पार्टी की खिंचाई, बोले, समाजवादी से सनातनी हो गए हैं नेता प्रतिपक्ष -मुख्यमंत्री ने महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में लिया भाग
लखनऊ, 24 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बजट सत्र के पांचवें दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर चर्चा है। इसमें सत्ता पक्ष से जुड़े 98 और प्रतिपक्ष के 48 (कुल 146 सदस्यों) ने चर्चा में भाग लिया है। नेता सदन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष समाजवादी से सनातनी हो गए हैं। स्वभाव के विपरीत उन्होंने अपने सदस्यों को टोका भी। स्वागत योग्य है कि आपने इस विषय को समझा और महत्व देकर सम्मान का भाव प्रकट किया। सीएम ने सपा के सोशल मीडिया सेल के हैंडल के जरिए उन पर प्रहार किया।
जिससे सनातन धर्म को मजबूती प्रदान होती हो, उन सबके प्रति हमारे मन में श्रद्धा का भाव
नेता प्रतिपक्ष के सवालों पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जिन महापुरुषों ने भी भारत में जन्म लिया, मैं उन सभी को मानता हूं। मैं बुद्ध, जैन परंपरा (सभी तीर्थंकरों) को मानता हूं। गुरु गोविंद सिंह के चार-चार पुत्रों की शहादत के प्रति सम्मान का भाव ही है कि पीएम मोदी ने 26 दिसंबर की तिथि को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित किया है। भगवान बुद्ध, जैन तीर्थंकरों, सिख परंपरा, कबीरपंथी, रविदासी, महर्षि वाल्मीकि की परंपरा या भारत के अंदर जन्मी हर उस उपासना विधि का, जिससे सनातन धर्म को मजबूती प्रदान होती हो और देश एक भारत, श्रेष्ठ भारत के रूप में आगे बढ़ता है, उन सबके प्रति हमारे मन में श्रद्धा व सम्मान का भाव है।
सोशल मीडिया पर सपा के विचारों की अभिव्यक्ति देख सभ्य समाज महसूस करता है लज्जा
मुख्यमंत्री ने पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दृश्य की चर्चा की। समाजवादी पार्टी के सदस्यों को इंगित करते हुए बोले कि आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे महानुभावों के प्रति आप लोगों का दृष्टिकोण क्या है ? राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन का दृश्य देखकर इसका सहज अनुमान लगा सकते हैं। आप लोग भाषण बहुत देते हैं। वास्तविक आचरण देखना है तो सपा के सोशल मीडिया सेल का हैंडल देखिए। वह उनकी विचारधारा, आंतरिक शिष्टाचार, लोकतंत्र के प्रति उनके विचारों की अभिव्यक्ति का ऐसा माध्यम है, जिससे कोई भी सभ्य समाज लज्जा महसूस करता है। फिर भी आप दूसरों को उपदेश देते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि किसी ने सच कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला है। महाकुम्भ में गिद्धों को केवल लाश मिली है, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ सुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को व्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, भक्तों को भगवान मिले। इससे साफ है कि सब ने अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार चीजों को देखा है।
एक ही घाट पर सभी जाति वर्ग के तीर्थ यात्री बिना भेदभाव के नहाते रहे। सनातन की सुंदरता आखिर समाजवादी और वामपंथियों को कैसे नजर आएगी। वहीं इनके द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रश्न, उनकी नीयत को ही संदेह के दायरे में खड़ी करती है। जो स्वयं कुछ नहीं कर सकते थे, जिन लोगों ने अपने समय में इस पूरे आयोजन को अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का शिकार बनाया था, आज वह महाकुम्भ पर इस प्रकार की टिप्पणी करके भारत की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। मैं तो केवल इस बारे में एक बात कहना चाहूंगा कि महाकुम्भ ने पूरी दुनिया को भारत की सनातन एकता का संदेश दे करके प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को चरितार्थ करके दिखा दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में यदि विश्वस्तरीय सुविधा नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु उसका हिस्सा नहीं बनते। अनुमान है कि 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ पार करेगी। भारत में 144 करोड़ लोग रहते हैं, इसमें 110 करोड़ सनातन धर्मावलंबी हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, भूटान के नरेश समेत दुनिया के तमाम देशों से जुड़े 74 देशों के हेड ऑफ कमिशन भी महाकुम्भ में शामिल हुए। क्या है वैश्विक आयोजन नहीं है। यही वैश्विक आयोजन है।
वामपंथियों और समाजवादियों की वॉल पर सिर्फ देखने को मिला विष वमनमुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया हैंडल पर एक सज्जन ने महाकुम्भ का विरोध करने वालों पर बहुत ही सटीक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि पिछले डेढ़ महीने में आप वामपंथियों और समाजवादियों की वॉल खंगाल लीजिए, वहां महाकुंभ को लेकर विषवमन के अलावा कुछ नहीं दिखेगा। उन्होंने आगे कहा कि कि महाकुम्भ के दौरान दुखद हादसा हुआ। इसके बाद भी आस्था और विश्वास तमाम परेशानियों पर भारी पड़ी। तीर्थ यात्री समस्त परेशानी और मुश्किलों का पहाड़ चढ़ करके भी प्रयागराज महाकुम्भ पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जीरो पॉवर्टी की बात की। आप लोगों के कुछ रटे रटाए शब्द हैं, जिसे आप हमेशा बोलेंगे। जो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए, वे कहते थे कि यह वीआईपी कुम्भ हो गया। आप लोगों ने गरीबी देखी नहीं, बल्कि गरीबी का उपहास करना जन्मसिद्ध अधिकार समझा है
अगले तीन वर्ष के भीतर गरीबी मुक्त होगा यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ का प्रसाद सब तक पहुंचना चाहिए। इसलिए हमने तय किया है कि अगले तीन वर्ष के भीतर यूपी गरीबी रेखा से पूरी तरह मुक्त हो। हम हर व्यक्ति का जीवन स्तर इतना उठाएंगे कि वह सम्मान से खुद को यूपीवासी कह सके। आपने (सपा) तो पहचान का संकट खड़ा कर दिया था। 2017 के पहले की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
योगी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और अन्य दलित-पिछड़े महापुरुषों को समाजवादी पार्टी और विपक्ष की सरकारों ने कभी सम्मान नहीं दिया। योगी ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार ने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान में कई कार्य किए हैं, जिसमें पंच तीर्थों का निर्माण और अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना शामिल है।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने यूपी दिवस के दिन इस वर्ष मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना लागू की है। इस योजना के तहत युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा ताकि वे अपना उद्यम स्थापित कर सकें। उन्होंने बताया कि योजना को मात्र एक महीने में 96,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 25,000 से अधिक लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं। 6,000 लोगों को बैंकों द्वारा ऋण भी वितरित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कानून व्यवस्था पर भी विपक्ष पर पलटवार किया।