वाराणसी में वायु प्रदूषण रेड जोन में ,वातावरण में स्माॅग और धुंध बढ़ी
बच्चों, बुजुर्गों, दमा रोगियों की परेशानी बढ़ रही
वाराणसी,09 नवम्बर । दीपावली पर तमाम जन जागरूकता अभियान के बावजूद धुआंधार आतिशबाजी और शहरी क्षेत्र में ही कूड़ा जलाये जाने से वायुमंडल में धूल, धुआं, कार्बन व नाइट्रोजन की मात्रा लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पिछले दो दिनों से वातावरण में स्माॅग और धुंध सुबह और शाम को बन रही है। प्रदूषण के कारण रेड जोन बने शहर में बच्चों, बुजुर्गों, दमा रोगियों की परेशानी बढ़ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते सोमवार को बनारस का वायु सूचकांक 347 रहा।। पूर्वांह में ये आंकड़ा 319 दर्ज किया गया जो रात लगभग 09 बजे तक 340 हो गया था। आंकड़ों के अनुसार मलदहिया का एक्यूआई 365, भेलूपुर का 354, बीएचयू का 330 और अर्दली बाजार का 340 दर्ज रहा।
शहर के साथ ग्रामीण अंचल में भी पुआल जलाने से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में विशेषज्ञ बुजुर्गो और बच्चों को घर में रहने की सलाह दे रहे है। बदलते मौसम और ठंड के साथ स्माग से धुंध का असर वातावरण में देर तक नजर आ रहा है। शहर में यह स्थिति देख नगर निगम ने कुछ हिस्सों में पानी का छिड़काव कराया। विशेषज्ञ निर्माण कार्य के दौरान मानकों का पालन तथा मौके पर हरा मैट लगाने,पानी का छिड़काव करने की सलाह दे रहे है।
बताते चले 50 के आसपास एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। 51 से 100 को संतोषजनक (ग्रीन), 101 से 200 के बीच को मध्यम (येलो), 201 से 300 के बीच को खराब (ऑरेंज), 301 से 400 के बीच को बहुत खराब (रेड) और एक्यूआई 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी (डार्क रेड) में रखा गया है। इसके चलते प्रदूषण का व्यापक असर दिखने लगता है। वायुमंडल में कार्बन, नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ने की वजह से आंखों व सांस के रोगियों के लिए भयावह स्थिति हो जाती है।