नाग पंचमी पर हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजा विंध्य क्षेत्र
नाग पंचमी पर हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजा विंध्य क्षेत्र
मीरजापुर, 21 अगस्त । सावन का सातवां सोमवार और नागपंचमी। भगवान शिव की अराधना के साथ नागदेवता की उपासना। ऐसा अद्भुत संयोग 24 वर्ष बाद बना। सोमवार के दिन नागपंचमी होने से इस दिन का महत्व और बढ़ गया। दरअसल, इस बार सावन का महीना बड़ा ही खास है। अधिक मास के चलते शिवजी का यह प्रिय महीना इस वर्ष 59 दिन का है। इस वजह से सावन में कुल आठ सोमवार है। अब तक सात सोमवार बीत चुके हैं। सावन का अंतिम सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा।
नागपंचमी पर्व और सावन के सातवें सोमवार को शिवालयों में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्त उमड़े। महिला, पुरुष, बच्चे सभी भगवान शिव की भक्ति में सराबोर दिखे। भक्तों ने जल, दूध, लावा आदि पूजन सामग्री भोलेनाथ को अर्पित किया और सुख, समृद्धि की कामना की। साथ ही घरों में भी भक्तों ने नाग देवता के चित्र के पास दूध-लावा आदि चढ़ाकर भक्तिभाव से पूजा अर्चना की।
सर्वप्रथम भक्तों ने नारघाट, पक्काघाट, संकठाघाट, बरियाघाट, कचहरी घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान किया। नगर के सत्ती रोड स्थित बूढ़ेनाथ मंदिर, पंचमुखी महादेव मंदिर, तारकेश्वर महादेव, नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर, शिवपुर स्थित रामेश्वरम महादेव मंदिर में जलाभिषेक के बाद विधि विधान से दर्शन पूजन किया। बाबा भोलेनाथ को दूध, बेलपत्र, धतूरा, माला-फूल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की। शिवालयों में पूजन अर्चन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी रहीं। हर-हर महादेव के जयकारों से शिवाल गूंज उठे। दिन भर घंटा-घड़ियाल, डमरू और हर-हर महादेव के जयकारे लगते रहे।