बॉलीवुड की क्वीन से अपने ही गढ़ में विरासत की जंग हार गए बुशहर के राजा
बॉलीवुड की क्वीन से अपने ही गढ़ में विरासत की जंग हार गए बुशहर के राजा
मंडी, 04 जून । सिनेमा के पर्दे पर राजनेत्रियों के किरदार अदा करने वाली सिने अभिनेत्री एवं मंडी की बेटी सियासत की जमीन पर भी जीत का परचम फहराया है। बॉलीवुड की क्वीन के नाम से मशहूर कंगना ने बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य को विरासत की जंग में पराजित कर दिया। अठाहरवीं लोकसभा के लिए हुए इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने 5,37022 मत प्राप्त किए जबकि कांग्रेस के उ मीदवार लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 462267 मत प्राप्त किए । जिसके चलते वे कंगना से 74755 मतों के अंतर से चुनाव हार गए।
हालांकि, भाजपा ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर भगवा परचम फहराकर इतिहास को तीसरी बार दोहराया है। इसके बावजूद मंडी के चुनावी मैदान कंगना के आने और कंगना के विवादित बयानों से प्रदेश की सबसे बड़ी संसदीय सीट देश भर में हॉट सीट बन गई थी। मंडी संसदीय सीट अपने आपमें कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। लोकसभा उपचुनाव में भी यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह यहां से उस समय सांसद बनी थी। जब प्रदेश में जयराम सरकार और केंद्र में मोदी सरकार मौजूद थी।
मंडी संसदीय सीट बीते बीस चुनावों में कांग्रेस चौदह बार और भाजपा पांच बार तथा जनता पार्टी एक बार जीत का परचम फहरा चुकी है। अब कंगना की जीत से भाजपा ने जहां जीत का छक्का लगाया है। वहीं पर कंगना मंडी की 21वीं सांसद बन गई है। यही नहीं राजकुमारी अमृत कौर और प्रतिभा सिंह के बाद कंगना तीसरी महिला सांसद बन गई, जबकि भाजपा की ओर से पहली महिला सांसद बनने का गौरव कंगना ने हासिल किया है।
अपने ही गढ़ में पिछड़े विक्रमादित्य
लोकसभा उप चुनाव में प्रतिभा सिंह को किनौर, रामपुर, लाहुल-स्पीति, आनी, बंजार, मनाली, कुल्लू के अलावा मंडी के करसोग और नाचन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। जिसकी वजह से मंडी के सराज, जोगिंद्रनगर, सदर, द्रंग, सुंदरनगर और सरकाघाट की बढ़त भी भाजपा के ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर की जीत की पटकथा नहीं लिख पाई थी। मगर इस बार विक्रमादित्य सिंह अपने ही गढ़ में पिछड़ गए । विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र की 17 में से मात्र चार विधान सभा क्षेत्रों में ही बढ़त ले पाए। जबकि शेष 13 हलकों में कंगना को बढ़त मिली। हालांकि, विक्रमादित्य को सबसे अधिक बढ़त 21437 मतों की रामपुर में मिली है। इसके अलावा किनौर से 8562, आनी से 8328, लाहुल-स्पीति से 6876 मतों की बढ़त मिली है। इसके अलावा भरमौर, बंजार, कुल्लू, मनाली, करसोग और नाचन में कांग्रेस को बढ़त नहीं मिल पाई है। जिसकी वजह से विक्रमादित्य सिंह सियासी चक्रव्यूह में घिर गए।
जयराम बनें कंगना की जीत के सारथी
पूर्व मु यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए मंडी संसदीय सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी। हाई कमान ने कंगना को टिकट देकर जीत की सारी जि मेदारी जयराम ठाकुर के कंधों पर डाल दी थी। एक समय तो यह चुनाव विक्रमादित्य बनाम जयराम ठाकुर बन गया था। जयराम ठाकुर का मंडी संसदीय क्षेत्र में खासा प्रभाव है। यहां 17 में से 12 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। जबकि मंडी जिला की नौ सीटों पर भाजपा का कब्जा है। ऐसे में कंगना की जीत में मंडी जिला के जोगिंद्रनगर 19402, सदर मंडी 15515, सराज 14698 अैर सरकाघाट 13647 की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा बल्ह 9742 और सुंदरनगर 8994 की भी बड़ी भूमिका इस जीत में रही है।