आधुनिक तकनीकों के दुरूपयोग पर लगे राेक : मीरा श्रीवास्तव
आधुनिक तकनीकों के दुरूपयोग पर लगे राेक : मीरा श्रीवास्तव

प्रयागराज, 17 अप्रैल (हि.स.)। आधुनिक तकनीकों के दुरुपयोग की रोकथाम लगाई जाए। ऐसे मोबाईल एप्लीकेशन बेस्ड पोर्टेबल उपकरणों पर प्रभावी अनुश्रवण के लिए ठोस रणनीति विकसित कर प्रभावी कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। यह बात गुरुवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन स्टेनली रोड प्रयागराज परिसर में भारत सरकार संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव ने कही।
वे कन्याभ्रूण हत्या व लिंगचयन की रोकथाम के लिए भारत सरकार का प्रख्यापित गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम
1994 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयाेजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण
कार्यशाला काे संबाेधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों की सुरक्षा बहुत आवश्यक है। आधुनिक तकनीकों के दुरुपयोग पर पूरी तरह से रोक लगना चाहिए। इसके लिए ठोस रणनीति पर काम किया जाए।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव डा. पिंकी जोवेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी सशक्तिकरण व नारीवन्दन के महत्व का उल्लेख किया। उन्हाेंने कहा कि वर्तमान बदलते परिदृश्य में महिला सशक्तिकरण के लिए इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया गया। उन्हाेंने इसके लिए अंतरजनपदीय निरीक्षण सम्पन्न किये जाने की आवश्यकता है, साथ ही जनता से सहयोग की अपील की है। इस अधिनियम के दुरुपयोग करने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही के लिए भी कहा है। उन्हाेंने अन्य राज्यों की सीमा से लगे प्रदेश के सीमावर्ती जिलाें व उन राज्यों के समुचित प्राधिकारियों व मिशन निदेशक के साथ समन्वय स्थापित कर अर्न्तराज्यीय को-आर्डिनेशन समिति का गठन करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
इस मौके पर राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार, प्रयागराज मंडल आयुक्त विजय विश्वास पन्त, डा. पदमिनी कश्यप, उपायुक्त, पी.सी.पी.एन.डी.टी. भारत सरकार व डा. इन्द्रनीलदास, डा. सुषमा सिंह, एवं डा. अश्विनी कुमार, कार्यशाला में मुंबई से अनुजा गुलाटी, प्रतिनिधि यू.एन.एफ.पी.ए. अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।