कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा की पहल से दूरगामी प्रभाव : एमएलसी

व्यवसायिक शिक्षा को रोजगारपरक पाठ्यक्रम बनाने का प्रयास : कुलपति

कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा की पहल से दूरगामी प्रभाव : एमएलसी

प्रयागराज, 13 मई । व्यवसायिक शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की पहल पर एमएलसी डॉ के.पी श्रीवास्तव शुक्रवार को रज्जू भइया (राज्य विश्वविद्यालय) प्रयागराज के कुलपति डॉ अखिलेश कुमार सिंह से मिले। कहा कि कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा की पहल से दूरगामी प्रभाव होंगे।

ज्ञातव्य हो कि राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय प्रयागराज के अंतर्गत चार जिलों प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी एवं फतेहपुर में लगभग 650 महाविद्यालय के जरिए लाखों छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र व छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से रोजगारपरक बनाने की दिशा में डॉ केपी श्रीवास्तव और कुलपति डॉ अखिलेश कुमार सिंह के बीच चर्चा हुई।



डॉ केपी श्रीवास्तव ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय कौशल अर्हता फ्रेमवर्क में बदलाव से जुड़ा एक प्रारूप तैयार किया है। प्रस्तावित प्रारूप का उद्देश्य देश में व्यावसायिक शिक्षा और औपचारिक शिक्षा के बीच एकरूपता लाना एवं कौशल शिक्षा का व्यवस्थित ढांचा तैयार करना है। देश के सामने कौशल विकास की बड़ी चुनौती है। ऐसे में कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा की दिशा में विश्वविद्यालय के पहल से प्रभाव दूरगामी साबित हो सकते हैं। व्यवसायिक शिक्षा का अर्थ यह है कि छात्रों में शिक्षा के साथ साथ ऐसे कौशलों का विकास करना जिनसे वे अपने अध्ययन के साथ ऐसे कौशलों को सीख सके जिनसे भविष्य में किसी भी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकें या अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में कौशल शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। जिससे वह उच्च शिक्षा को कौशल तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण और इंडस्ट्री इंटरफेस के साथ एकीकृत कर सके। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को कौशल व व्यावसायिक शिक्षा के साथ जोड़ा है। इनमें औपचारिक डिग्री के साथ-साथ कौशल का प्रशिक्षण भी मिले। यह उसी पाठ्यक्रम या क्षेत्र से सम्बंधित होगा, जिसमें छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। खास बात है कि इनमें डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट जैसे सभी स्तर के पाठ्यक्रम शामिल होंगे और छात्रों को डिग्री के साथ-साथ सम्बंधित विषयों में तकनीकी रूप से दक्ष भी किया जाएगा। इससे आने समय में व्यवसायिक शिक्षा की ओर छात्रों की रुचि बढ़ेगी एवं उन्हें रोजगार मिलने की पूरी संभावना रहेगी।

कुलपति डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने कहा आपके सुझाव को ध्यान में रखकर व्यवसायिक शिक्षा को रोजगार परक पाठ्यक्रम बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि अध्ययनरत विद्यार्थियों को शिक्षा पूरी होते ही रोजगार या स्वरोजगार मिल सके।