ग्लोबल मार्केट से कमजोरी के संकेत जारी, एशिया में मिला-जुला कारोबार; भू-राजनीतिक तनाव का असर
ग्लोबल मार्केट से कमजोरी के संकेत जारी, एशिया में मिला-जुला कारोबार; भू-राजनीतिक तनाव का असर

नई दिल्ली, 16 जून । वैश्विक शेयर बाजारों से आज सुबह मिले शुरुआती संकेत निवेशकों के लिएCaution का भाव लेकर आए हैं। प्रमुख ग्लोबल मार्केट इंडेक्स ने पिछले कारोबारी सत्रों में नरमी दिखाई है, मुख्य रूप से बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण। अमेरिकी बाजारों ने बीती रात महत्वपूर्ण गिरावट के साथ कारोबार का अंत किया था, जो मुख्य रूप से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से प्रभावित हुए। इसी तरह, यूरोपीय बाजारों ने भी कमजोरी के साथ पिछले सत्र को समाप्त किया। हालांकि, अमेरिकी डाउ जॉन्स इंडस्ट्रियल एवरेज के वायदा (फ्यूचर्स) आज सुबह मामूली बढ़त दिखा रहे हैं, जो दिन की संभावित शुरुआत के लिए एक हल्का सकारात्मक संकेत हो सकता है। इन वैश्विक संकेतों के बीच, एशियाई बाजारों में आज सुबह का कारोबार मिला-जुला रहा है, जहां कुछ सूचकांक बढ़त के साथ हरे निशान में हैं तो कुछ गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि निवेशक अभी भी सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय कारक और विशिष्ट बाजार की खबरें भी असर डाल रही हैं।
अमेरिकी बाजारों पर भू-राजनीतिक संघर्ष का साया
अमेरिका में, बाजारों पर ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुए संघर्ष का सीधा असर देखा गया, जिसने भू-राजनीतिक जोखिमों को अचानक बढ़ा दिया और निवेशकों में डर और चिंता पैदा की। इस तनाव के चलते पिछले कारोबारी सत्र में वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांकों में तेज बिकवाली और गिरावट आई। डाउ जॉन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमजोरी के साथ बंद हुआ, जो मौजूदा अनिश्चितता और जोखिम से बचने की धारणा को दर्शाता है। व्यापक आधारित S&P 500 इंडेक्स भी इस दबाव से अछूता नहीं रहा और 1.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ सत्र का अंत किया। तकनीकी शेयरों पर केंद्रित नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स, जो हाल के दिनों में मजबूत रहा था, उसमें भी 255.66 अंकों यानी 1.30 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट आई और यह 19,406.83 के स्तर पर बंद हुआ। यह गिरावट यह संकेत देती है कि निवेशक जोखिम भरी ग्रोथ स्टॉक्स से दूरी बना रहे हैं और अधिक सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। बहरहाल, आज सुबह डाउ जॉन्स फ्यूचर्स में 0.03 प्रतिशत की मामूली सांकेतिक बढ़त देखी जा रही है, जो दिन की संभावित शुरुआत के लिए एक अत्यंत हल्का सकारात्मक संकेत हो सकता है, हालांकि यह अमेरिकी बाजारों के लिए समग्र कमजोर भावना को पूरी तरह से दूर नहीं करता है। यह बढ़त शायद शॉर्ट कवरिंग या तकनीकी कारणों से हो सकती है।
यूरोपीय बाजार भी दबाव में
अमेरिकी बाजारों के नक्शेकदम पर चलते हुए, यूरोपीय स्टॉक बाजारों ने भी पिछले सत्र में लगातार दबाव का अनुभव किया। विभिन्न आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच, यूरोपीय सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। लंदन का एफटीएसई 100 इंडेक्स 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 8,850.63 अंक पर बंद हुआ। फ्रांस का सीएसी 40 इंडेक्स 1.05 प्रतिशत लुढ़क कर 7,684.68 अंक पर आ गया। जर्मनी का डीएएक्स इंडेक्स भी 255.22 अंकों यानी 1.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,516.23 अंक पर बंद हुआ। यह दर्शाता है कि यूरोपीय बाजारों पर भी ग्लोबल आर्थिक चिंताओं और संभवतः अमेरिका से आए कमजोर संकेतों का असर पड़ा है। निवेशकों ने यहां भी सतर्क रुख अपनाया।
एशियाई बाजारों में मिश्रित रुझान
आज सुबह एशियाई बाजारों में एक मिली-जुली तस्वीर देखने को मिली है। जहां वैश्विक कमजोरी का असर कुछ बाजारों पर साफ दिखाई दे रहा है, वहीं कुछ अन्य बाजार मजबूती दिखा रहे हैं, संभवतः स्थानीय कारकों या अलग-अलग निवेशक धारणाओं के कारण। कुल 9 प्रमुख एशियाई सूचकांकों में से, लगभग पांच हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि चार लाल निशान में बने हुए हैं। जिन बाजारों में कमजोरी देखी जा रही है उनमें सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स शामिल है, जो 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,899.56 अंक पर है। ताइवान वेटेड इंडेक्स भी 0.32 प्रतिशत लुढ़क कर 22,002.80 अंक पर आ गया है। थाईलैंड के सेट कंपोजिट इंडेक्स में आज सबसे बड़ी गिरावट में से एक दर्ज की गई है, जो 0.97 प्रतिशत फिसल कर 1,111.83 अंक पर कारोबार कर रहा है। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स भी 0.14 प्रतिशत की मामूली कमजोरी के साथ 23,858.59 अंक पर बना हुआ है, जो चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंताओं को दर्शाता है।
इसके विपरीत, कई अन्य प्रमुख एशियाई बाजारों में सकारात्मक गति देखी जा रही है, जो शायद वैश्विक कमजोरी से अलग रुख दिखा रहे हैं या स्थानीय सकारात्मक खबरों से प्रेरित हैं। भारतीय बाजारों के लिए महत्वपूर्ण संकेत माने जाने वाला गिफ्ट निफ्टी (पहले SGX निफ्टी), जो सिंगापुर एक्सचेंज पर कारोबार करता है, 106 अंकों या 0.43 प्रतिशत की अच्छी मजबूती के साथ 24,845.50 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक शुरुआत का स्पष्ट संकेत देता है। इंडोनेशिया का जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स भी 0.46 प्रतिशत उछल कर 7,199.35 अंक तक पहुंच गया है। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स आज सबसे मजबूत प्रदर्शन करने वालों में से है, जिसने 402.73 अंकों या 1.06 प्रतिशत की बड़ी छलांग लगाई है और यह 38,236.98 अंक पर पहुंच गया है, जो जापानी अर्थव्यवस्था या विशिष्ट कॉर्पोरेट समाचारों से प्रेरित हो सकता है। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स भी 0.78 प्रतिशत की मजबूती के साथ 2,917.18 अंक पर है, और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.05 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 3,378.78 अंक पर कारोबार कर रहा है।
कुल मिलाकर, आज के ग्लोबल मार्केट के संकेत एक जटिल तस्वीर पेश करते हैं। अमेरिका और यूरोप में हालिया गिरावट वैश्विक चिंताओं और भू-राजनीतिक तनाव को उजागर करती है, जबकि एशियाई बाजारों का मिला-जुला रुख दर्शाता है कि क्षेत्रीय कारक और विशिष्ट बाजार की गतिशीलता भी मायने रखती है। निवेशकों को आज दिन भर भू-राजनीतिक विकास, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और केंद्रीय बैंकों के संभावित बयानों पर कड़ी नजर रखनी होगी, क्योंकि बाजार की अस्थिरता बनी रहने की संभावना है।