विज्ञान सीखने की एक सतत प्रक्रिया हैः प्रो. पुनीता बत्रा

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में भविष्य के सपने बुनते बाल वैज्ञानिक विदा हुए

विज्ञान सीखने की एक सतत प्रक्रिया हैः प्रो. पुनीता बत्रा

प्रयागराज, 15 जून: राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की दस दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का समापन रविवार को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। हरिश्चंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रोफेसर पुनीता बत्रा, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं, ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किए।

प्रोफेसर बत्रा ने अपने संबोधन में विज्ञान के महत्व पर जोर दिया और कहा कि विज्ञान सीखने की एक सतत प्रक्रिया है, जो न केवल अध्ययन के माध्यम से, बल्कि अवलोकन और अनुभव के माध्यम से भी आत्मसात होती है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे जिज्ञासु बने रहें, सवाल पूछते रहें और वैज्ञानिक खोज में लगे रहें। उन्होंने कहा कि विज्ञान में ही भविष्य है और युवा वैज्ञानिकों को देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के कार्यकारी सचिव डॉ. संतोष शुक्ला ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के दूसरे चरण में 20 से 26 जून तक केवल चयनित 40 बाल वैज्ञानिक और 10 शिक्षक प्रो. स्वप्निल श्रीवास्तव के नेतृत्व में गणित विषय की सात दिवसीय विशेष कार्यशाला में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इस विशेष कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को गणित की गहराई से अवगत कराना और उनमें गणितीय सोच विकसित करना है।

कार्यक्रम का संचालन रश्मि मिश्रा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. स्वप्निल श्रीवास्तव ने दिया। छात्रों के प्रति आभार प्रदर्शन संजय श्रीवास्तव ने किया। ईसीसी महाविद्यालय गणित विभाग के प्रो. स्वप्निल श्रीवास्तव और डॉ. देवराज सिंह पब्लिक स्कूल के उप प्रधानाचार्य संजय श्रीवास्तव, जो कार्यशाला के नोडल समन्वयक भी थे, ने कार्यशाला की उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना और उन्हें भविष्य में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए तैयार करना है।

कार्यशाला के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल के अभिजीत मिश्रा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि टैगोर पब्लिक स्कूल के अनमोल जायसवाल द्वितीय और महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के रवि शेखर निगम तृतीय स्थान पर रहे। विशिष्ट यादव, शकुन पांडे और शीवांश यादव को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। "सतत-विकास समय की ज़रूरत" विषय पर हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से निबंध लेखन प्रतियोगिता में एम.पी.वी.एम की मृदुषी श्रीवास्तव ने प्रथम, श्रीमहाप्रभु स्कूल के वशिष्ट यादव ने द्वितीय और खेलगांव पब्लिक स्कूल के आदर्श सिंह ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। आर्यन और स्वप्निल श्रीवास्तव को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। अंग्रेजी निबंध प्रतियोगिता में मेरी वानामेकर की अंजलि पांडेय प्रथम, आई.के.एम इंटर कॉलेज, आनापुर के ध्रुव और शिवांश यादव क्रमशः द्वितीय और तृतीय रहे, जबकि श्रेयांस और आकाश निषाद को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

संजय श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में जिले के विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस दौरान विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान आयोजित किए गए। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि और भविष्य में शोध कार्यों के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान झलवा, इविंग क्रिश्चियन कॉलेज, इलाहाबाद संग्रहालय और एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट नैनी के विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया। इससे न केवल उन्हें विज्ञान के सिद्धांतों को समझने में मदद मिली, बल्कि उनका वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति रुझान भी बढ़ा।

कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रों ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से बातचीत करके विज्ञान के बारे में नई चीजें सीखीं। उन्होंने प्रयोगशालाओं में विभिन्न प्रयोगों को देखा और उनमें भाग लिया। इस अनुभव ने उन्हें विज्ञान के प्रति अधिक उत्साहित और प्रेरित किया। कार्यशाला का समापन छात्रों के चेहरों पर मुस्कान और भविष्य के लिए नई उम्मीदों के साथ हुआ।