समर्पण तन्मयता और एकाग्रता के प्रति संकल्पित होना होगा: कर्नल जयवीर सिंह

समर्पण तन्मयता और एकाग्रता के प्रति संकल्पित होना होगा: कर्नल जयवीर सिंह

समर्पण तन्मयता और एकाग्रता के प्रति संकल्पित होना होगा: कर्नल जयवीर सिंह

गोरखपुर, 15 जून (हि.स.)। एकाग्रता तमनयता और समर्पण लक्ष्य भेदन का आधार भूत सिद्धान्तहै। इन सिद्धान्तो को अंगीकार करके ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उक्त बातें कर्नल जयवीर सिंह सेना मेडल ने व्यक्त किया।

वे 45 यू० पी० वटालियन एन० सी० सी० द्वारा आयोजित यस ०डी० डी० इन्टर कालेज खजनी मे फायरिंग रेंज पर प्रशिक्षु छात्र सैनिकों को सम्बोन्धित कर रहे थे। उन्होंने कहा अशस्त्र शस्त्रों का अध्ययन थल सेना से आवद्ध एन० सी० सी० पाठ्यक्रम की प्रमुख विधा है ये विधा सैन्य जीवन के सफल मार्ग का संकल्प देती है और इसकी अवधारणा असैन्य जीवन को सुव्यवस्थित करती है। आज जीवन प्रत्येक क्षेत्र मे समर्णप - तनमयता और एकाग्रता के अभाव पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कर्नल जयवीर ने कहा आज के युवा को अपना लक्ष्य निर्धारित ही नहीं बल्कि उसके सापेक्ष समर्णप -तनमयता एकाग्रता से उसके प्रति संकल्पित होना होगा। एन० सी० सी० का यह प्रशिक्षण जिन व्यापक पाठ्यक्रमो पर आधारित है । वह सैन्य और असैन्य जीवन की व्यवस्थित सर्जना करता है। कर्नल जयवीर ने छात्र सैनिको का आवाहन किया कि वे शिविर के अनुदेशो को आत्मसाथ कर एक योग्य उत्तरदायी नागरिक वन राष्ट्र के समक्ष प्रतिमान प्रस्तुत करे जिससे एन० सी० सी० की अवधारणा पुष्ट और प्रमाणित हो सके।

उन्होंने भारतीय थल के अनुदेशको को निर्देशित कर प्रभावी बनाने की वात कही।इस अवसर पर उपकमान प्रमुख लेफ्टिनेन्ट रोहित चतुर्वेदी ले ० सूरज ले ० अनिल कुमार - ले० अमित मसीह सूवेदार आलोक विश्वान पुरी जी ०सी० आई ० अंशिका मौजूद रही।