संत सम्मेलन : संतों ने योगी को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने की हुंकार भरी
सनातन धर्म के संरक्षण के लिए योगी का फिर से सीएम बनना जरूरी
प्रयागराज। विश्व हिंदू परिषद माघ मेला शिविर में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संत सम्मेलन का आयोजन गुरूवार को किया गया। सम्मेलन में चर्चा होने वाले विषयों का प्रतिपादन विहिप केंद्रीय संरक्षक दिनेश ने किया। संत सम्मेलन में पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले संस्कृति का समर्थन करने वाली सरकार चुनने के लिए संतों ने हिंदू समाज का आवाहन किया और उत्तर प्रदेश में संतां ने महंत योगी आदित्यनाथ को पुनः मुख्यमंत्री बनाने की हुंकार भरी।
संतों ने कहा कि राम मंदिर ही नहीं गौ रक्षा, काशी विश्वनाथ मठ, मंदिरों का अधिग्रहण बंद हो। सनातन संस्कृति संस्कार का संवर्धन करने वाली ही सरकार पुनः बने। इसी सरकार से हिंदू धर्म संस्कृति की रक्षा होगी। सभी को जाति, मत, पंथ, संप्रदाय से ऊपर उठकर मतदान हो। हिंदू समाज संगठित होकर धर्मांतरण रोकने, लव जिहाद रोकने वाली सरकार को संतों का समर्थन है। इसी प्रकार स्वाभिमान, आत्मसम्मान, राष्ट्र के अस्तित्व की रक्षा के लिए संत अपने-अपने स्थान पर जाकर हिंदू धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार बनाने के लिए समाज का जागरण करेंगे। इस अवसर पर संत सम्मेलन में संचालन केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया।
--धर्म परिवर्तन रोकने, टोल प्लाजा पर संतों से टैक्स न लेने सहित कई मामलों पर लिए गये निर्णय
विश्व हिन्दू परिषद की ओर से माघ मेला में त्रिवेणी मार्ग पर पर लगे शिविर में संत सम्मेलन के दौरान देश के कोने-कोने से सभी प्रमुख संत-महात्मा शामिल हुए। सभी संतो ने एक स्वर में कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण, संवर्धन और उसको आगे बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी लोग मिलकर प्रदेश का मुख्यमंत्री एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ को जरूर बनाएं।
संतो ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है, वाराणसी में काशी कॉरिडोर बनाया गया और काशी विश्वनाथ मंदिर का सुंदरीकरण किया गया। संतों ने एक स्वर में कहा कि अगर यह सरकार फिर से बनती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनेंगे तो मथुरा सहित अन्य स्थानों पर जो भी विवाद हैं सब खत्म हो जाएंगे और सभी जगह पर भव्य मंदिर सहित अन्य निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। संतों ने कहा कि करीब 25 साल से प्रदेश मे अलग-अलग सरकारें रही हैं। लेकिन किसी ने भी मंदिर के विवाद को खत्म करने की कोई पहल नहीं की। ना ही सनातन धर्म के लोगों के साथ हो रहे घटनाओं पर भी कोई संज्ञान लिया।
इस दौरान धर्मांतरण पर भी संत महात्माओं ने अपने तीखे आक्रोश व्यक्त किए हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि ईसाई और मुस्लिम मिशनरी मिलकर गरीब सनातन धर्मावलंबियों को पैसे और नौकरी की लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। इससे जहां सनातन धर्म कमजोर हो रहा है, वही सनातन धर्म के लोगों की कमी हो रही हैं। बैठक के दौरान सभी संतो ने सरकार से संत महात्माओं से टोल प्लाजा पर शुल्क ना लिए जाने का निर्णय लेने की मांग की। कहा कि चातुर्मास, संत सम्मेलन एवं अन्य होने वाले आयोजनों माघ मेला, अर्द्धकुंभ और कुंभ मेला में देश के कोने-कोने से संत अपने शिष्यों सहित सुगमता पूर्वक शामिल हो सकें। इस पर विहिप के पदाधिकारियों ने कहा कि इस मामले को हम लोग प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से भी आग्रह करेंगे कि वह संत-महात्माओं पर किसी भी प्रकार की वसूली टोल टैक्स पर ना की जाए।
संत सम्मेलन में गंगा और गौ रक्षा सहित अन्य विविध पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। संत सम्मेलन में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमहंस दास महाराज, स्वामी कृष्णाचार्य ऋषिकेश, अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महाराज, अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम, तपस्वी नगर के स्वामी गोपाल महाराज सहित माघ मेले में आए सभी प्रमुख संत महात्माओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान सभी ने सनातन धर्म के संरक्षण, सनातन धर्म को क्षति पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग सरकार से की है।
इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं में जयराम दास, परमहंस दास, बालक दास, अजेनानन्द सरस्वती, दिनेश्वरानंद, गोपाल दास, डॉ.रामेश्वर प्रपन्नाचार्य, डॉ.रामेश्वर दास, जिदम्बरानंद, डॉ नृतसिंह जितेंद्रनंद सरस्वती, प्रेमदास, कृष्णाचार्य, बालकनाथ, रामरतन दास, शिवयोगी हनुमान दास, पुरुषोत्तम दास, रामनारायण ने अपने विचार रखे। विहिप संरक्षक दिनेश चंद्र, केंद्रीय सहमंत्री अम्बरीष, क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश, प्रांत उपाध्यक्ष अजय गुप्ता, प्रांत सुरक्षा प्रमुख विपिन गुप्ता, आद्या शंकर मिश्र, विनोद अग्रवाल, अमित पाठक आदि उपस्थित रहे।