प्रयाग महाकुंभ: राजस्थान में प्लास्टिक और डिस्पोजल आइटम का न्यूनतम उपयोग के लिए अभियान की शुरुआत
प्रयाग महाकुंभ: राजस्थान में प्लास्टिक और डिस्पोजल आइटम का न्यूनतम उपयोग के लिए अभियान की शुरुआत
जयपुर, 6 दिसंबर । नए साल में 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ हरित कुंभ साबित होगा। इसमें प्लास्टिक और डिस्पोजल आयटम का न्यूनतम उपयोग होगा। इसके लिए देशभर में एक थैला-एक थाली अभियान चलाया जा रहा है। अभियान से जुड़े स्वयंसेवक घर-घर से एक थैला और एक थाली का सहयोग मांग रहे हैं। राजस्थान से करीब 15 लाख तथा जयपुर शहर से पांच लाख थालियां और थैले एकत्र किए जाएंगे। अब तक पचास थालियां एकत्र की जा चुकी है। इस कार्य के लिए लोग नकद सहयोग भी कर रहे हैं। 450 ग्राम की थाली और प्रिंटेड थैले के 150 रुपये और 250 ग्राम की थाली और साधारण थैले के 150 रुपये के हिसाब से कई संस्थाओं ने पांच हजार थालियों तक का सहयोग किया है। आरयूएचएस के चिकित्सकों ने 2100 थालियां और थैले का सहयोग किया है। गायत्री परिवार, नेचर क्लब, उत्थान न्यास, किसान संघ, मजदूर संघ,पतजंलि सहित अनेक संगठन, संस्थाएं, मंदिर, विकास समितियां इस अभियान में बढ़ चढक़र सहयोग कर रही है। थाली-थैला एकत्र करने का अभियान 30 दिसंबर तक चलेगा।
इन थैलों और थालियों को प्रयागराज महाकुंभ में व्यापक स्तर पर वितरित किया जाएगा ताकि प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो। अभियान का उद्देश्य गंगा नदी पवित्रता को बनाए रखना है। कई लोग और संस्थाएं बढ़ चढक़र इस पुनीत कार्य में सहयोग कर रहे हैं। 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होने वाले प्रयागराज में महाकुंभ के 45 दिनों में अनुमानित 40 करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित होने का अनुमान है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से जयपुर प्रांत से एक लाख से अधिक बस्तियों में मंदिर शक्ति केंद्र के माध्यम से कार्यक्रम संपन्न करवाए जा रहे हैंं। जयपुर से लगभग एक हजार केंद्रों से यह लोगों के सहयोग से थैले, थालियां एकत्रित की जा रही। लगभग जयपुर से चार लाख से अधिक थैले, थालियां प्रयागराज भेजी जाएगी।
कचरे से प्रदूषित हो सकता है त्रिवेणी संगम
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजाराम ने बताया कि हमारा प्रयास है कि अपना यह महाकुंभ पर्यावरण अनुकूल बने, प्रदूषण और पॉलिथीन मुक्त, हरित कुंभ बने हम सब यह संकल्प करें कि हर घर से एक थाली-एक थैला संग्रहित कर प्रयागराज के तीर्थ यात्रियों तक पहुंचाया जाए। हर कुंभ यात्री के पास भोजन के लिए थाली और सामान के लिए थैला हो तो हम कचरे को बहुत कम कर सकते हैं। महाकुंभ को गंदगी रहित एवं पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सैकड़ों संस्थाओं के साथ करीब 400 बैठक की हैं। कुंभ में तीर्थ यात्रियों के भोजन- अल्पाहार पॉलिथीन और डिस्पोजल (प्लास्टिक या कागज) में दिया जाता है तो इसका कचरा तीर्थ नगरी प्रयागराज और पवित्र त्रिवेणी संगम को बुरी तरह प्रदूषित कर सकता है। महाकुंभ में कुल 40000 टन कचरा उत्सर्जित होने का अनुमान है।
कुंभ जाए थाली-थैला साथ ले जाएं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत के पर्यावरण गतिविधि संयोजक अशोक शर्मा ने बताया कि महाकुंभ में स्वयं का परिवार या हमारे परिचित, मित्र, रिश्तेदार जाते हैं तो अपने साथ थाली, गिलास, कटोरी अवश्य लेकर जाएं। वहां प्लास्टिक कचरा ना फैलाएं और न ही उपयोग करें। समाज और राष्ट्रहित के लिए जयपुर में थाली और थैला एकत्र करने का अभियान जोरों पर है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य युवाओं का हिंदू संस्कृति के मानदंडों के साथ आत्मीय जुड़ाव महसूस करवाना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के बैनर तले समाज के लोगों के साथ लगातार बैठकें आयोजित की जा रही है।