(मानूसन सत्र) यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सहायक होगा यह बजटः मुख्यमंत्री योगी
(मानूसन सत्र) यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सहायक होगा यह बजटः मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ, 01 अगस्त । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को लेकर जो सपने गढ़े गए उसी को लेकर यह अनुपूरक बजट लेकर आये। अटल जी ने कहा था कि सपने गढ़ें, अगर वे टूटे तो फिर से गढ़ें। उन्होंने कहा कि मूल बजट 15-16 की तुलना में दोगुने से अधिक है। फरवरी में मूल बजट आया। 44 फीसद बजट रिलीज हुआ। 20 फीसद खर्च हुआ है। यह तब हुआ जब दो माह चुनाव में चले गए। यह दिखाता है कि हमारी दिशा सही है। इसीलिए सप्लीमेंट्री बजट की जरूरत पड़ी। वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार बनी थी तो उत्तर प्रदेश देश में छठी-सातवीं अर्थव्यवस्था थी। आज पहचान का संकट नहीं है। आज लोग यूपी को सम्मान से देखते हैं। आज हम दूसरी अर्थव्यवस्था हैं। गांव, गरीब, महिलाओं तक योजनाओं को पहुंचाने में सफलता मिली है। प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी करने में भी हमें सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र को आज देश की अर्थव्यवस्था में अपना जीडीपी शेयर बढ़ाने में भी सफलता मिली है। आज देश की जीडीपी में 8-9 फीसदी का हमारा योगदान है। इसके लिए टैक्स चोरी रोकने के उपाय करने पड़े। डीबीटी का बड़ा योगदान है। 2014 में भारत 10वीं अर्थव्यवस्था था। आज पांचवीं अर्थव्यवस्था है। अगले तीन वर्ष में तीसरी अर्थव्यवस्था होगा। इसमें राज्यों का बड़ा योगदान हो सकता है। हमारी सरकार ने तय एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनने का निर्णय किया है। इसी दिशा में यह अनुपूरक बजट भी है। हमारी सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 10 सेक्टर तय किये हैं।
भारत नेपाल सीमा पर तोरण द्वार बनने जा रहा है। इसी प्रकार राज्यों की सीमा पर भी उत्तर प्रदेश में आगंतुकों का स्वागत करते हुए तोरण द्वार बनाएंगे। इस पर कार्य हो रहा है। योगी ने हवाई अड्डों के निर्माण की अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा करेगा। मेरठ से दिल्ली के बीच की दूरी कम होने के बावूजद यात्रा में काफी समय लगता था। आज समय बहुत कम हुआ है। 27 सेक्टोरियल पॉलिसी भी हम लोगों ने प्रदेश में बनाई है। ओडीओपी योजना लेकर आये, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना महत्वपूर्ण हैं। ओद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास किये गए हैं। सपा सरकार में स्थानीय उत्पाद दम तोड़ रहे थे। आज उसे बढ़ावा दिया जा रहा है। पहले 86 हजार करोड़ एक्सपोर्ट था, आज दो लाख करोड़ निर्यात हो रहा है।